Video: SDM ज्योति मौर्य नहीं तुझे तो पैर की जूती बनाऊँगा, कन्नौज में पति से प्रताड़ित पत्नी का वीडियो, माँग रही न्याय

Kannauj News: कन्नौज जनपद में दीक्षा को उसके पति विजय सिंह ने पढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है, इतना ही नहीं जब पति मारपीट पर आमादा हो गया तो पीड़ित पत्नी दीक्षा ने सदर विधायक व राज्यमंत्री असीम अरुण से न्याय की गुहार लगाई।

Pankaj Srivastava
Published on: 9 July 2023 4:06 AM GMT (Updated on: 9 July 2023 4:11 AM GMT)

Kannauj News: बरेली की एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या के बीच जारी विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्योति और आलोक द्वारा एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन, ज्योति मौर्या विवाद के कारण तमाम महिलाओं के सामने मुसीबत खड़ी हो रही है, जो पढ़ लिखकर आगे बढ़ना चाहती हैं। जिसका एक ताजा उदाहरण कन्नौज जिले मे भी देखने को मिला। जहां जिले के दलेलपुर गांव की रहने वाली दीक्षा को उसके पति विजय सिंह ने पढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है, इतना ही नहीं जब पति मारपीट पर आमादा हो गया तो पीड़ित पत्नी दीक्षा ने सदर विधायक व राज्यमंत्री असीम अरुण से न्याय की गुहार लगाई।

आपको बताते चलें कि शनिवार को असीम अरुण के कार्यालय पहुंची पीड़िता दीक्षा ने बताया कि उसकी शादी के महज 3 महीने बाद वह बी-एड की परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र लेने जा रही थी। इस बात का पता उसके पति विजय को लगा तो वह आग बबूला हो गया और उसने फोन छीनकर मारपीट कर दी। पीड़िता ने पति, देवर व जेठ के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पति ने अपने भाई के साथ मारपीट की और धमकी भरे अंदाज में कहां कि मैं उसे पैर की जूती बनाऊंगा न कि ज्योति मौर्या।

क्या है ज्योति मौर्या का विवाद?

साल 2015 में आलोक मौर्या की पत्नी का यूपीपीसीएस परीक्षा में चयन हुआ था। शादी के 13 साल बाद ज्योति और आलोक का रिश्ता अचानक विवाद में बदल गया और दोनों एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने लगे। इस विवाद के बीच होमगार्ड विभाग के जिला कमांडेंट मनीष दुबे भी चर्चा में शामिल हैं। पंचायती राज विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आलोक मौर्य ने बरेली में तैनात पत्नी ज्योति मौर्या और उनके प्रेमी मनीष दुबे (होमगार्ड कमांडेंट) पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। पीड़ित पति ने धूमनगंज थाने के अलावा होमगार्ड मुख्यालय में भी इसकी तहरीर दी है। एक तरफ ज्योति मौर्या का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरफ इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं कन्नौज जिले में पीड़िता दीक्षा भी एक जीता जागता उदाहरण है। इस तरीके से महिलाओं की पढ़ाई को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं बड़ा सवाल यह है कि हर महिला एक जैसी नहीं होती और महिलाओं को भी आगे बढ़ने का हक है अगर यही नजरिया और फैल गया तो फिर महिलाओं की शिक्षा पर बड़ा ग्रहण लग सकता है।

Pankaj Srivastava

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