Kanpur News: सूडान से लौटे 27 भारतीयों ने सुनाई आपबीती, कहा- हर रात लगती थी अंतिम, योगी-मोदी ने बचा लिया

Kanpur News: ऑपरेशन कावेरी की तहत कानपुर समेत आस-पास के जिलों के रहने वाले लोगों का एक जत्था पहुंचा। उन्होंने अपने अनभव को साझा किया।

Anup Panday
Published on: 28 April 2023 2:43 PM GMT (Updated on: 28 April 2023 3:02 PM GMT)

Kanpur news: आपरेशन कावेरी के तहत सूडान से बचा कर लाए गए 27 भारतीय कानपुर पहुंचे। डीएम नोएडा के फोन पर अफसरों ने सचेंडी के ढाबे में उन्हें ठहराया और भोजन व विश्राम के बाद उन्हें रवाना किया गया। इस जत्थे में कानपुर, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, प्रयागराज, आजमगढ़ और बलिया के लोग थे।

लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे

इन सभी 27 लोगों को बस दिल्ली एयरपोर्ट से चली थी। दूसरे दिन सभी कानपुर पहुंचे। दिल्ली से आलाधिकारियों के फोन के बाद एडीएम सिटी अतुल कुमार, सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय विजय प्रताप सिंह अलर्ट हो गए। बस चालक अशोक कुमार सभी को लेकर निकला था। अशोक ने बताया कि बलिया तक के लोग बस में बैठे थे। सभी को सकुशल घर पहुंचा दिया जाएगा। वे सभी डरे हुए थे और सभी को घर जाने की जल्दी थी। कानपुर में रूकते ही इन लोगों ने ‘जय श्री राम’ व योगी, मोदी के जमकर नारे लगाए।

भूल नहीं सकते मौत का वो मंजर

सूडान की राजधानी खार्तूम से लौटने वाले इन लोगों ने बातचीत में बताया कि वहां के हालात जैसे हैं, वो पहली बार हमने महसूस किया। वहां की नौ दिन जिंदगी कभी नहीं भूल पाएंगे कि किस तरह हर समय मौत सिर पर मंडरा रही थी। लोगों ने कहा कि शायद घरवालों की प्रार्थना से ही वो बचकर आ पाए हैं, उन्हें निकालने में भारत की सेना और देश-विदेश में अपना डंका बजाने वाले मोदी-योगी ने उनके प्राणों की रक्षा की। वतन पहुंचते ही सबसे पहले उन्होंने वतन की माटी पर सिर पर लगाया।

सुनाई आपबीती- सबकुछ छीन लिया गया

वहां से लौटै भारतीयों में से किसी की बिटिया की शादी तो किसी के यहां मांगलिक कार्यक्रम होने हैं। कोई अपने बेटे को दूल्हा बनाने के सपने देख रहा था। सूडान में हिंसा न होती तो कुछ ऐसे लोग हैं जो शादी के समय से पहले अपने घर आते। एक तरफ घर में खुशियों को लेकर सब लगे थे, तो वहां उनकी छाती पर रायफलें तनी थीं। वो चल जातीं तो खुशियां मातम में तब्दील हो जाती। एक ने बताया कि कंपनी में 200 भारतीय थे। उन्होंने बताया कि बीती 15 अप्रैल की शाम फौजी की वर्दी में दंगाई आ गए। जो दरवाजे तोड़कर अंदर घुसे। कनपटियों पर रायफल-पिस्टल की नाल टिका दी। मोबाइल, करेंसी, घड़ी सब छीन लिए। कपड़े तक नहीं छोड़े। एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पास एक लाख सूडानी पाउंड थे,सब लूट लिया गया।

दो मुठ्ठी चावल एक कटोरी दाल खाई

वापस आए लोगों ने बताया कि 15 से 23 अप्रैल तक कभी दो मुट्ठी चावल तो कभी एक कटोरी दाल खाकर जीना पड़ा। वहां के लुटेरे कंपनी की 11 बड़ी-बड़ी गाड़ियां, मशीनें, एसी-पंखे तक उठा ले गए। दूतावास भी एक हफ्ते तक मदद न कर पाया। जब हमारी सेना पोर्ट तक पहुंच गई, तभी हम सबमें बचने का भरोसा जागा। हमें दिल्ली लाया गया।

हर रात लग रही थी अंतिम रात

ओमेगा स्टील में हाइड्रा मशीन चलाने वाले अजय ने बताया कि हमलावरों ने हमारी फैक्ट्री के बगल में बने फौजी कैंप पर इतने बम बरसाए कि मौत सामने नजर आने लगी। हमारे गेस्ट हाउस में घुसे तो कुछ नहीं छोड़ा। मेरी छाती पर एके-47 रायफल रख दी। मेरे पास सूडानी पाउंड थे। सब छीन लिए। मोबाइल भी छीन लिया। एक वक्त जरा सा भोजन करके सांसें बचाईं। भारत की सेना और पीएम-सीएम ने हमारी जिंदगी बचा ली। जिलाधिकारी कानपुर विशाल जी ने बताया कि हमें सूडान से लौटे लोगों के कानपुर से होकर गुजरने की जानकारी मिली थी। ऐसे कुल 27 लोग थे। उन्हें ठहराकर भोजन-विश्राम के बाद घरों को भेजा गया है।

Anup Panday

Anup Panday

Next Story