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Kanpur Heart Attack Deaths: एक हफ्ते में कानपुर में क्यों हुई 98 लोगों की मौत, जाने पूरी कहानी
Kanpur Heart Attack Deaths: शहर के एसपीएस हार्ट इंस्टीट्यूट में 24 घंटे के भीतर 14 मरीजों की मौत हो गई। ये आंकड़े एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी ने दिए हैं।
Heart Attack Deaths Kanpur (Social Media)
Kanpur Heart Attack Deaths: उत्तर प्रदेश से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। कानपुर में एक हफ्ते में दिल का दौरा पड़ने से 98 लोगों की मौत हो गई। जिसमे से 18 लोग 40 साल से कम उम्र के थे। हार्ट अटैक से हुई मौत के आंकड़ों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। शहर के एसपीएस हार्ट इंस्टीट्यूट में 24 घंटे के भीतर 14 मरीजों की मौत हो गई। ये आंकड़े एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी ने दिए हैं।
लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी, कानपुर द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को अस्पताल के इमरजेंसी और आउट पेशेंट विभाग में 723 दिल के मरीज आए। जिसमे से 44 की मौत हॉस्पिटल में हुई। जबकि 54 मरीजों ने इलाज से पहले ही दम तोड़ दिया था।
ठंड में क्यों हो रही ज्यादा मौतें ?
कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल के डायरेक्टर विनय कृष्णा ने बताया कि इस संस्थान में लगभग 18 जिलों से मरीज आते हैं। इस लिए ये नही कह सकते कि जिनकी मौत हुई वे कानपुर के ही थे। उन्होंने बताया कि जान गंवाने वाले कई अन्य बिमारियों से भी जूझ रहा थे जैसे- डायबिटीज, ब्लड प्रेशर। उन्होने बताया कि ज्यादा ठंड की वजह से नसें सिकुड़ जाती है। कई लोगों के नसों में कोलेस्ट्रॉल के रूकावट पहले से ही होती है। शर्दी में नसों के सिकुड़ने से रूकावट अधिक हो जाती है। यदि ये रूकावट 40 फिसदी थी तो नसों के सिकुड़ने से 60 से 80 फिसदी तक भढ़ जाती है। जो ठंड में हॉर्ट अटैक और ब्लड प्रेशर की प्रमुख वजह है।
प्रत्येक 7 मिनट में दो हार्ट अटैक के केस
इंडियन हार्ट एसोसिएशन की माने तो भारत में हार्ट अटैक के करीब 50 प्रतिशत मामले 50 साल से कम उम्र के लोगों में हो रहे हैं। 25 प्रतिशत मामले 40 साल से कम उम्र के लोगों में हो रहा है। WHO के अनुसार भारत के शहरों में रहने वाले 12 प्रतिशत और गांवों में रहने वाले लगभग 10 प्रतिशत लोगों में किसी न किसी तरह की बिमारी है।
भारत में होने वाले कुल मौतों में से 28 प्रतिशत मौतें दिल की बीमारियों से होती हैं। प्रत्येक वर्ष लगभग 20 लाख लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है। वहीं देश में लगभग प्रत्येक 7 मिनट में 2 हार्ट अटैक के केस सामने आते हैं। किसी भी तरह के लक्षण होने पर डॉक्टर की सलाह लें।