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Kanpur Dehat: 15 सूत्री मांगों को लेकर किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
Kanpur Dehat: 15 सूत्री मांगों को लेकर सिकंदरा के पटेल चौराहे स्थित दुर्गा पूजा मैदान में किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन किया।
Kanpur Dehat: 15 सूत्री मांगों को लेकर सिकंदरा के पटेल चौराहे स्थित दुर्गा पूजा मैदान में किसान यूनियन (Kisan Union) के तहसील अध्यक्ष ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ धरना प्रदर्शन किया। धरने की सूचना पर पहुंची एसडीएम पूनम गौतम (SDM Poonam Gautam) ने किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष से वार्तालाप कर किसान यूनियन की समस्याएं सुनी और किसान यूनियन अध्यक्ष ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन देकर धरना खत्म किया। वहीं एसडीएम ने ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजे जाने की आश्वासन दिया।
सरकार के प्रति विरोध के चलते किया प्रदर्शन
बताते चलें कि आज रविवार के दिन किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष श्रीपत कटियार तहसील की गठित टीम के साथ पटेल चौक स्थित मां दुर्गा पूजा पंडाल मैदान में सरकार के प्रति विरोध के चलते धरना प्रदर्शन किया।
किसान यूनियन के धरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची SDM
वहीं, जब एसडीएम सिकंदरा पूनम गौतम को किसान यूनियन के धरने की जानकारी प्राप्त हुई, तो सीओ सिकंदरा रविकांत गौंड थाना सिकंदरा पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर धरने पर बैठे किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं से वार्तालाप की। किसान यूनियन के अध्यक्ष श्री पत कटियार ने 15 सूत्री मांगों को लेकर एसडीएम सिकंदरा को ज्ञापन दिया।
किसान यूनियन की 15 सूत्री मांग
- मांग एमएसपी पर गारंटी कानून को अमल करने की दशा में पहल की जाए।
- फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को केंद्र सरकार लागू करें इसके लिए सी 2+50 फार्मूले को लागू करें।
- 7 राज्य सूखे की चपेट में और आधा दर्जन राज्य बाढ़ की चपेट में है। ऐसे में फसलें चौपट हो गई हैं।किसानों को धान धान के अलावा पशुओं की हानि का आकलन कर किसानों को तत्काल सुनिश्चित वाद्य व्यवस्था करें।
- अग्नीपथ योजना के मात्र 4 साल बाद चयनित 75 फ़ीसदी जवानों को रिटायरमेंट के बाद अन्य एजेंसियों पुलिस अर्धसैनिक बल में प्राथमिकता के आधार पर अनिवार्य तौर पर चयन करें चयन ना होने पर बेरोजगारी भत्ता दें।,
- देश में एक अलग से किसान आयोग का गठन किया जाए।
- देश के प्रत्येक राज्य में भूमि अधिग्रहण किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार एक रूप से पालिसी के आधार पर किसानों की भूमि अधिग्रहित करें और सर्किल रेट के 4 गुना अधिक किसानों को मुआवजा दिलाने की दिशा में प्रयास करें।
- 7 राज्यों में किसानों को बिजली मुफ्त दी जा रही है। अन्य सभी राज्यों में भी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए।,
- खाद बीज व कीटनाशक क्षेत्र में समिति अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर उद्योग को दी जा रही, सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए।,
- सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सब्सिडी दी जाए और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। जिस से बिजली पर गांव की निर्भरता कम हो सके।
- एनजीटी के नियमों मैं किसानों के लिए बिल देने का काम किया जाए। कृति में काम आने वाले यंत्रों व साधनों को लेकर विशेष योजना के अंतर्गत समय सीमा में छूट देने का प्रदान किया जाए।
- प्राइवेट एवं कमर्शियल वाहनों को वक्त किसानों के ही क्यों ना हो अलग-अलग वर्गों में विभाजित कर किलोमीटर के हिसाब से उनकी मियाद की गारंटी को निर्धारित किया जाए। ,
- राजस्थान की ईस्टर्न कैनाल परियोजना को केंद्रीय योजना के अंतर्गत लाया जाए। क्योंकि यह राजस्थान के जिलों की जीवन पद्धति को प्रभावित करेगी।
- पहाड़ी राज्यों में पहाड़ी कृषि नीति के तहत स्थानीय संसाधनों और बाजार व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया जाए। प्राकृतिक खेती की दशा में हो रहे। प्रयासों के मद्देनजर पहाड़ी राज्यों को ऑर्गेनिक राज्य का दर्जा दिलाया जाए।
- आदिवासी इलाकों में जल जंगल जमीन को बचाने के लिए चल रहे। आंदोलनों से सबक लेते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें आदिवासियों एक कल्याण के लिए योजनाओं को धरातल पर उतारे और उन्हें उस जमीन का मालिकाना हक दिलाएं।
- आवारा पशुओं की समस्याएं विकराल रूप धारण कर रही हैं। विशेष नीति के तहत छुट्टा पशुओं को गौशाला में पहुंचाने के लिए पंचायत स्तर पर जिम्मेदारी सुनिश्चित कर किसानों की खेती की सुरक्षा एवं संरक्षा का ध्यान रखा जाए।
ज्ञापन को डीएम के माध्यम से पीएम मोदी तक पहुंचाने का दिया आश्वासन
इन 15 सूत्री मांगों को एसडीएम पूनम गौतम को सौंप कर मांगेंं सरकार तक पहुंचाने की अपील की। वहीं, 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन लेकर जिलाधिकारी नेहा जैन (District Magistrate Neha Jain) के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। साथ में धरने को समाप्त करने की अपील की, जिसके बाद किसान यूनियन ने एसडीएम सिकंदरा के आश्वासन के बाद अपने धरने को समाप्त कर दिया।
Muzaffarnagar: किसानों ने किया प्रदर्शन, सरकार के नाम पर जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर सँयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को देशभर में किसानों ने धरना प्रदर्शन कर एक ज्ञापन सरकार के नाम स्थानीय जिला प्रशासन को सौंपा। जिसके चलते उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर जनपद में भी आज 11 स्थानों पर किसानों ने धरना देते हुए प्रदर्शन किया। जिसकी कमान खुद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संभाली थी।
राकेश टिकैत ने किसानों को किया संबोधित
इस दौरान राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मुजफ्फरनगर सहारनपुर स्टेट हाईवे स्टेट (Muzaffarnagar Saharanpur State Highway State) स्थित टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने ईडी द्वारा विपक्षी दलों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर कहा कि सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। जिसके चलते सभी विपक्षीय पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए।
आपको बता दें कि 31 जुलाई यानी आज के लिए सँयुक्त किसान मोर्चा ने चक्का जाम की घोषणा की थी। लेकिन आखिरी समय पर तीज़ के त्यौहार को देखते हुए चक्का जाम कैंसिल करते हुए सभी जगहों पर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करते हुए किसानों ने अपनी मांगो को लेकर सरकार के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
पूरे जनपद में 11 जगह और धरना दिया है: राकेश टिकैत
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की माने तो पूरे जनपद में 11 जगह और धरना दिया है कुछ जगह हम भी जाएंगे सरकार से मांग है की एनजीटी के कानून में बदलाव हो एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए बिजली की समस्या अग्नीपथ को लेकर किसानों पर हुए मुकदमों को लेकर और अन्य बहुत से मुद्दे हैं जिनकी मांगे रखी जा रही है। ये बताते हैं कि सन 1992 में आडवाणी ने यात्रा करी थी उसमें काले झंडे दिखाए गए थे ये उनकी गिरफ्तारी कर रहे हैं उनके वारंट आये हैं उसके बाद के भी बहुत से मुकदमे है।
बीजेपी वालों पर भी मुकदमे हैं सभी जाएंगे जेल सब जाएंगे।आज चक्का जाम की बात थी लेकिन वह नहीं करा सिर्फ धरना प्रदर्शन ही किया है। ट्रैक्टर तैयार करने को कहा है कहीं जाना भी पड़ सकता है यह एक बार जरूर होगा ना ही तो किसान मानेगे और ना ही सरकार आंदोलन की तैयारी रखें देश तैयार है कभी भी कॉल हो सकती है। विपक्ष वालों को सब की लाइन लगा देंगे अगर यह इकठ्ठा नहीं हुए तो ,इन सब को इकट्ठे हो जाना चाहिए सरकार बेईमान और गुंडी हो गई है जो एजेंसीया है उसका गलत इस्तेमाल कर रही है सभी विपक्षियों को इकट्ठे हो जाना चाहिए।