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Ayushman Bharat Scam: आयुष्मान भारत योजना में सेंधमारी, प्राइवेट अस्पतालों ने फर्जी तरीके से निकाली रकम, ऐसे दिया धोखा
Ayushman Bharat Scam: आडिट में हुआ खुलासा, घपलेबाज तीन अस्पतालों की आयुष्मान योजना की आईडी सीज।
Ayushman Bharat Scam: गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली फ्लैगशिप स्कीम आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) भी घोटालेबाजों की बलि चढ़ रही है। इसकी बानगी कानपुर देहात से सामने आई। यहां गरीबों के इलाज के लिए चलाई जा रही आयुष्मान योजना में जमकर घोटाला सामने आया है।
कागजों पर भर्ती मरीज, पेमेंट हॉस्पिटल के खाते में
कानपुर देहात के तीन अस्पतालों में आयुष्मान योजना में हेराफेरी की बात सामने आई है। जहां कागजां पर दर्जनभर से ज़्यादा मरीज़ आइसीयू (ICU) में जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे। हकीकत में यहां सिर्फ तीन ऐसे मरीज पाए गए, यानी नौ कार्डधारक मरीजों के नाम का डमी की तरह इस्तेमाल कर उनके इलाज का पैसा अस्पताल के अकाउंट में लिया जाता रहा। इस मामले का खुलासा राज्य सरकार की आडिट टीम की जांच में हुआ। जिसके बाद तीन अस्पतालों को नोटिस देने के अलावा उनकी आयुष्मान आईडी ब्लाक कर दी गई।
इन प्राइवेट अस्पतालों की करतूत
जानकारी के मुताबिक ऑडिट में तीन प्राइवेट अस्पतालों की गंभीर अनियमितता पाई गई है। जिनमें पहला अस्पताल है राजावत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दूसरा जिला अस्पताल से चंद कदमों की दूरी पर नोवा ग्रेस अस्पताल और तीसरा इसा हॉस्पिटल कानपुर देहात है। ये वो तीन अस्पताल हैं, जो गरीबों का हक़ लूट रहे थे। ऐसा राज्य सरकार की ऑडिट टीम की जांच रिपोर्ट का कहना है। जिसकी जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।
आयुष्मान योजना को बनाया अलादीन का चिराग!
आरोप है कि इन अस्पतालों ने देश के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान कार्ड योजना का जबरदस्त दुरुपयोग किया। इन तीनों अस्पतालों ने आईसीयू में दर्जनभर से ज्यादा आयुष्मान कार्ड (Ayushman Bharat Card) के मरीज भर्ती दिखाए। जबकि हकीकत में किसी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के दो मरीज और किसी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) के तीन मरीज भर्ती मिले। इतना ही नहीं, कागजों में फर्जीवाड़ा कर दवा से लेकर जांचों तक लाखों रुपए की बिलिंग दिखाकर आयुष्मान योजना की आईडी से पैसा निकाल लिया गया। ये मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोग कहने लगे हैं कि इन अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड को अलादीन के चिराग की तरह घिसा और इससे फायदे निकालते रहे। सूत्रों के मुताबिक ऑडिट टीम को मालूम चला है कि यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था। अस्पताल मालिक फर्जीवाड़े की बुनियाद पर अपना-अपना हवामहल तैयार कर रहे थे। इस दौरान अचानक राज्य की आयुष्मान ऑडिट टीम ने जांच की तो ये फर्जीवाड़ा सामने आया। इन तीनों अस्पतालों को नोटिस दिया गया है। स्पष्टीकरण तलब किया गया है।