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Kanpur Dehat News: अधिवक्ता एक्ट प्रस्तावित संशोधन का अधिवक्ताओं ने किया जमकर विरोध, जलाईं बिल की प्रतियां

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात के वकीलों ने एडवोकेट एक्ट के प्रस्तावित संशोधन बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए।

Manoj Singh
Published on: 25 Feb 2025 9:34 PM IST
Kanpur Dehat News: अधिवक्ता एक्ट प्रस्तावित संशोधन का अधिवक्ताओं ने किया जमकर विरोध, जलाईं बिल की प्रतियां
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Kanpur Dehat News: कानपुर देहात के वकीलों ने एडवोकेट एक्ट के प्रस्तावित संशोधन बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए। दरअसल इस बिल के पास होने के बाद अगर वकील केस हार जाता है तो वादी वकील के खिलाफ केस दर्ज करा सकता है और अगर वकील दोषी पाया जाता है तो वकीलों को केस शुरू होने से लेकर केस हारने तक वादी को पैसे देने होंगे, इसलिए वकील इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

देशभर के अधिवक्ता इस विधेयक का विरोध कर रहे

केंद्र सरकार एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। वहीं, देशभर के अधिवक्ता इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में कानपुर देहात के अधिवक्ताओं ने इस विधेयक की प्रतियां जलाईं और सरकार विरोधी नारे लगाए। आइए अब आपको बताते हैं कि एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन विधेयक क्या है।

1- अगर क्लाइंट केस हार जाता है तो क्लाइंट अपने वकील के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करा सकता है और अगर वकील दोषी पाया जाता है तो वकील को केस की शुरुआत से लेकर वकील को दी गई फीस, यात्रा खर्च यानी उस केस में खर्च हुआ एक-एक रुपया अपने क्लाइंट को देना होगा। इतना ही नहीं 3 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर वकील को एडवोकेट रोल से भी हटा दिया जाएगा।

2- अधिवक्ताओ के स्ट्राइक करने पर उसे प्रोफेशनल मिस कंडक्ट माना जाएगा और सज़ा का प्रावधान भी है

3- केन्द्र सरकार बार कॉन्सिल के अधिवक्ताओ के खिलाफ संशोधन कर सकता है

4- इस बिल मे विदेशी लॉ फर्मो को देश मे वकालत करने का प्रावधान है

उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता वर्षों से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बिल पारित करने की मांग कर रहे हैं, जिसका मसौदा आज तक जारी नहीं किया गया है। इसके बावजूद सरकार एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन विधेयक लेकर आई है, जिसका असर देश के सभी अधिवक्ताओं पर पड़ना तय है, क्योंकि जब दो अधिवक्ता आमने-सामने होकर केस लड़ते हैं तो एक अधिवक्ता का हारना तय है। इसलिए इस बिल का खामियाजा हारने वाले अधिवक्ता को ही भुगतना पड़ेगा, यह अलग बात है कि इसका फायदा वादी पक्ष को मिलेगा।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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