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Holi Special: कानपुर देहात के इस गांव में जलाई जाती हैं नारियल की होली

Holi Special: होली जलाने के लिए बड़ी संख्या में नारियल कहा से आते हैं, इस सवाल पर बालाजी मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश शास्त्री बताया कि पूरे साल भक्त मंदिर में नारियल चढ़ाते हैं।

Manoj Singh
Published on: 13 March 2025 1:11 PM IST (Updated on: 13 March 2025 1:37 PM IST)
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Holi Special: होलिका दहन को लेकर शहर से गांव तक होली लगाई लगाई जाती हैं कहीं लकडियों के ढ़ेर तो कहीं घासफूस एकत्र कर होली जलाने का प्रबंध किया जाता हैं हालांकि कानपुर देहात के एक गांव में नारियल की होली जलाई जाती हैं वहां होलिका की परिक्रमा भी लोग करते हैं। नारियल की होली जलाने एक कारण ये है कि वातावरण शुद्ध होता हैं वहीं दूसरा कारण बताया जाता है नारियल सिर के चारों तरफ घुमाने के बाद जलाने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि जिसने नारियल उतार कर रखा उसकी सारे दुख तकलीफ भी होली में जल जाती है।

अकबरपुर तहसील के जुनैदपुर गांव में करीब दो दशक से ये परंपरा चल रही है। गांव के बाहर बालाजी का मंदिर है। उसी मंदिर परिसर में नारियल एकत्र कर होली तैयार की जाती है। इस होली पर यहां भारी भीड़ जुटती है। जिला प्रशासन यहां पुलिस फोर्स भी तैनात करता है। ताकि व्यवस्था न बिगड़े। बालाजी मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया कि राजस्थान मेंहदीपुर बालाजी में नारियल की होली जलती है। यहां भी उसी तर्ज पर ये परंपरा दो दशक पहले शुरु हुई थी। अब इसे हर वर्ष निभाया जा रहा है। यहां होली पर अहमदाबाद गुजरात से भी लोग आते हैं। वहीं कानपुर, झांसी, फतेहपुर, हरदोई से भक्त होली पर नारियल चढ़ाने आते हैं।

कहां से आते हैं इतने नारियल

होली जलाने के लिए बड़ी संख्या में नारियल कहा से आते हैं, इस सवाल पर बालाजी मंदिर के संस्थापक ओम प्रकाश शास्त्री बताया कि पूरे साल भक्त मंदिर में नारियल चढ़ाते हैं। उन्हें एकत्र करके सुरक्षित रखा जाता है। होली के आसपास बड़ी संख्या में लोग नारियल चढ़ाने आते हैं। होलिका लगने पर तो जिले के अलावा आसपास के जनपदों के लोग आते हैं और नारियल उतार कर (सिर ऊपर से घुमाकर) होली में रखते हैं। ऐसी मान्यता है जो नारियल उतारकर रखता है उसकी सारे संकट और दुख होली में नारियल के साथ जल जाते हैं, उसका जीवन खुशहाल हो जाता है। हर वर्ष लगभग करीब एक लाख नारियल वहां एकत्र किए जाते हैं।

वातावरण भी होता है शुद्ध

लोगों ने बताया कि नारियल की होली जलाने का एक वैज्ञानिक कारण ये भी है, इससे वातावरण शुद्ध होता है। नारियल का धुंआ जहां तक जाता है, उस क्षेत्र की बीमारियां दूर हो जाती है। मानव के साथ पशु पक्षी भी स्वस्थ रहते हैं।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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