TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विकास कार्यों में भ्रष्टाचार ! ग्रामीणों की मांग पर DM ने दिए जांच के आदेश, धरातल पर जो हुआ ही नहीं उसके...

Kanpur Dehat News: ग्रामीणों ने डीएम को ये भी बताया कि, ऐसे कई कामों का पैसा निकाल लिया गया, जो काम धरातल पर हुआ है नहीं। इसकी शिकायत लंबे समय से की जा रही है।

Manoj Singh
Published on: 11 Feb 2024 3:58 PM IST
Kanpur Dehat News
X

कानपुर देहात DM दफ्तर पर ग्रामीणों की भीड़ (Social Media)

Kanpur Dehat: यूपी की योगी सरकार प्रदेश में 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर काम करने के दावे पेश करती रही है। सरकार की तरफ से कई दावे आए दिन किए जाते रहे हैं, मगर महकमे में निचले स्तर पर तैनात अफसर मुख्यमंत्री के सपनों पर पानी फेरने में कोई गुरेज नहीं कर रहे। हालात ये हैं कि, कई शिकायतों के बाद भी जब कोई असर नहीं हुआ तो बड़ी संख्या में ग्रामीण न्याय की आस में पैदल ही निकल पड़े।

सैकड़ों ग्रामीण रविवार (11 फ़रवरी) को जिलाधिकारी आलोक सिंह (DM Alok Singh) के दफ्तर पहुंचे। डीएम ने ग्रामीणों से जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। किसानों गांव वापस लौट गए। अफसरों को जांच के आदेश दिए।

DM से की विकास कार्य में भ्रष्टाचार की शिकायत

कानपुर देहात के मालसा ब्लॉक के गिरदों गांव के सैकड़ों ग्रामीण जिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने शिकायत की है कि, 'गांव में हो रहे विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। जो काम हुए ही नहीं, उनका भी पैसा पहले ही निकाल लिया गया। उन्होंने बताया, गांव में नलकूपों की रिबोरिंग के नाम पर भी पैसा निकाल लिया गया। लेकिन, कोई रिबोरिंग नहीं हुई।

धरातल पर जो हुआ ही नहीं उसके पैसे भी निकाले

ग्रामीणों ने डीएम को ये भी बताया कि, ऐसे कई कामों का पैसा निकाल लिया गया, जो काम धरातल पर हुआ है नहीं। इसकी शिकायत लंबे समय से की जा रही है। लेकिन, अभी तक किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने जब सरकार स्तर पर शिकायत की तो जांच टीम गांव पहुंची। गांव में शिकायतकर्ता को बुलाया गया। ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

हाथापाई भी हुई, शिकायतकर्ता के खिलाफ ही कंप्लेन

इसी दौरान ग्राम प्रधान गांव के स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाने लगे कि, आप कहिए कि नल की रिबोरिंग हुई है। इस पर शिकायतकर्ता ग्राम प्रधान से नाराज हो गए। जिसके बाद ग्राम प्रधान से हाथापाई शुरू हो गई। ग्राम पंचायत अधिकारी बीच बचाव में आगे आए तो उनका मोबाइल गिर पड़ा। बस फिर क्या था, साहब नाराज हो गए। एक प्रार्थना पत्र थाने में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले व्यक्ति के नाम ही दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता ने उनके साथ लूटपाट की। अब शिकायत साहब ने की थी तो फिर पुलिस ने भी फौरन मुकदमा दर्ज कर लिया। शिकायतकर्ता को उठाकर थाने में बैठा दिया गया।

ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी में मिलीभगत !

नाराज ग्रामीणों ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई। ग्रामीणों का कहना है कि, सबसे पहले उस लड़के को थाने से छोड़ जाए। गांव में हो रहे भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की जाए। अगर, शिकायत करना इतना ही बड़ा गुनाह है, कि जो शिकायत करेगा उस पर अफसर दबाव बनाकर मुकदमा लिखवा देंगे तो फिर किस बात की जीरो टॉलरेंस? किस बात का रामराज? लोगों ने बताया कि, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी पैसे का खूब बंदरबांट हुआ है।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story