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Kanpur Dehat News: मडौली कांड पीड़ित ने कलेक्ट्रेट में खाया जहर, न्याय न मिलने पर था दुखी; झोपड़ी में मां बेटी की जलकर हुई थी मौत
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में दस महीने पहले झोपड़ी में जलकर हुई मां बेटी की मौत के मामले में आज दस महीने बाद भी पीड़ित अपनी मांगों को लेकर जिले के अधिकारीयों के चक्कर काट रहा था।
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में दस महीने पहले झोपड़ी में मां-बेटी की जलकर हुई मौत हो गई थी। इस मामले में आज दस महीने बाद भी पीड़ित अपनी मांगों को लेकर जिला के अधिकारीयों के चक्कर काट रहा था। उसकी सुनावई न होने पर उसने जिलाधिकारी कार्यालय में जहर खाकर जान देने की कोशिश की। उसकी हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां इलाज चल रहा है।
यह था पूरा मामला
आपको बता दें कि 13 फरवरी को कानपुर देहात के रुरा थाना क्षेत्र के मडौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा दीक्षित की कब्जा हटाते समय झोपडी में जलकर मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। मामले में शासन के निर्देश पर पुलिसकर्मियों सहित एडीएम पर एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हे सस्पेंट कर दिया था। घटना के समय पीड़ित परिवार को प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कार्यवाही और न्याय का भरोसा दिया था। अस्पताल में भर्ती पीड़ित छोटे बेटे अंश दीक्षित ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। उसका कहना है की आज कानपुर देहात जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर न्याय की मांग कर रहा था। जिसका वादा किया गया था (सरकारी आवास, एक करोड़ आर्थिक मदद, सरकारी नौकरी,आरोपियों की गिरफ्तारी) वो भी अभी तक पूरी नहीं की गई। अंश ने यह भी आरोप लगाया है की उसने जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई थी लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसने कहा कि वो जहर खा लेगा, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि वो कुछ भी कर लें।
जिला अस्पताल पहुंचे पिता कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है की उनकी पत्नी और बेटी की जलाकर मार दिया गया था। लेकिन अभी तक उन्हे कोई न्याय नही मिला है, जिसका भरोसा दिया गया था। बेटे को नौकरी भी नही दी गई। आज बेटा घर से जिलाधिकारी से मिलने की बात कह कर घर से निकला था, सुना है उसने जहर खा लिया है। वही जिला अस्पताल के डाक्टरों ने बताया की अंश दीक्षित को अस्पताल में लाया गया है। कुछ पुलिस वाले भी साथ में थे। बताया गया की उसने जहर खा लिया है। अस्पताल में डाक्टरों की देखरेख में भर्ती है।