TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात ओडीएफ घोटाला, ठेकेदार ने काम किया अधूरा, अधिकारियों ने पैसा दिया पूरा, कर लिया बंदर बाट

Kanpur Dehat News: इस मामले का खुलासा तब हुआ जब गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की और इसकी जांच एडीओ पंचायत ने की तो ग्राम पंचायत के एक ही मजरे में 18 शौचालय अधूरे पाए गए।

Manoj Singh
Published on: 14 Nov 2024 8:12 AM IST
Kanpur Dehat News: कानपुर देहात ओडीएफ घोटाला, ठेकेदार ने काम किया अधूरा, अधिकारियों ने पैसा दिया पूरा, कर लिया बंदर बाट
X

कानपुर देहात ओडीएफ घोटाला   (photo: social media )

Kanpur Dehat News: प्रदेश सरकार के द्वारा हर गरीब को शौचालय वर्ष 2017 में दिए गए थे। जिन्हें तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मिलकर ठेकेदार के जरिए निर्माण करवाए थे लेकिन ठेकेदार ने शौचालय का अधूरा निर्माण कराया और ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान ने मिल कर सरकारी रुपयों का बंडल बांट लिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की और इसकी जांच एडीओ पंचायत ने की तो ग्राम पंचायत के एक ही मजरे में 18 शौचालय अधूरे पाए गए।

विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत गाऊपुर में सरकार ने गांव में स्वच्छता बनी रहे, कोई भी व्यक्ति बीमार न पड़े और न ही गांव में किसी प्रकार की बीमारियों की दस्तक होने पाए इसके लिए घर-घर शौचालय बनवाए जाने के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए। लेकिन तत्कालीन ग्राम प्रधान सुनील कुमार व तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी स्नेहलता ने सांठगांठ करके 18 शौचालय अधूरे बना कर छोड़ दिए और कागजों में कार्य पूर्ण दिखा कर सरकारी रुपयों का भुगतान करा लिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब ग्राम पंचायत के रहने वाले श्रीकृष्ण नाम के व्यक्ति ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी कानपुर देहात से की और मामले की जांच एडीओ पंचायत उमाशंकर को सौंपी गई और अधिकारी की जांच में 18 शौचालय अपूर्ण पाए गए।

जनसुनवाई कार्यालय में शिकायत दर्ज

शिकायतकर्ता ने जब भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी और ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई न होती देखी तो उसने ऑनलाइन और लखनऊ के जनसुनवाई कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, वहां से जांच मुख्य विकास अधिकारी के पास आई लेकिन अधिकारी अपने भ्रष्ट अधिकारी को बचाने में जुटे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालय निर्माण में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मिलकर घोटाला किया है और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस पूरे मामले में जिला पंचायती राज अधिकारी विकास पटेल ने बताया एडीओ और खंड प्रेरक के द्वारा जांच कराई गई थी जिसमें 18 शौचालयों में 15 पूर्ण पाए गए और एक लाभार्थी के द्वारा तोड़ दिया जाता है, दूसरा शौचालय विवाद के कारण ध्वस्त करा दिया था और तीसरे शौचालय में अधूरा काम हुआ है जबकि एडीओ पंचायत की जांच रिपोर्ट में साफ साफ दिखाया जाता है कि 18 शौचालय अधूरे पाए गए हैं।

पंचायत राज अधिकारी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक कोई घोटाला नहीं हुआ है लेकिन एडीओ पंचायत की जांच रिपोर्ट में 18 शौचालय अधूरे पाए गए थे... सवाल है क्या एडीओ पंचायत की जांच रिपोर्ट गलत है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story