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Kanpur Dehat: जांच करने पहुंचा अधिकारी, बोला-हम मिले हुए हैं, वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
Kanpur Dehat: भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिलाधिकारी के आदेश पर जांच करने गए थे ग्रामीण अभियंता यशपाल सचान।
Kanpur Dehat: जहां एक ओर उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस नीति के साथ भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं तो वहीं उनके कार्यरत अधिकारी भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम भी कर रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं यह बात स्पष्ट कानपुर देहात के जांच के दरमियान जांच अधिकारी के द्वारा कहे गए शब्दों के हो रहे वायरल वीडियो में साफ तौर से सुनाई पड़ रहा है। वायरल वीडियो में आप सुन सकते हैं जांच अधिकारी के द्वारा वायरल वीडियो में कहा जा रहा है कि हम मिले हुए हैं।
बता दें वायरल वीडियो जनपद कानपुर देहात के राजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत वैना का है। जहां पर गांव के ही ग्रामीण रिंकेश सिंह के द्वारा एक माह पूर्व जिला अधिकारी आलोक सिंह को हलफनामा और सबूत सहित शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता के द्वारा वर्तमान ग्राम प्रधान माया देवी व उनके प्रतिनिधि पुत्र फतेह सिंह के द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार और धांधली का आरोप लगाया था। इसके बाद जिला अधिकारी आलोक सिंह के द्वारा 13 बिंदुओं पर ग्रामीण अभियंता यशपाल सचान, राजपुर विकासखंड के एडीओ पंचायत सहित तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाकर जांच कर आख्या देने के आदेश दिए गए थे।
सूची की बात से इनकार कर दिया
जांच कमेटी के द्वारा एक महीने बाद गांव में जांच करने पहुंचे जांच अधिकारी ग्रामीण अभियंता यशपाल सचान के द्वारा तेरह बिंदुओं पर बिना मौके पर जाकर जांच किए हुए ग्राम प्रधान को निर्दोष बताते हुए शिकायतकर्ता को ही दबाने का प्रयास किया। जांच अधिकारी यशपाल सचान के द्वारा शिकायतकर्ता के द्वारा दिए गए सबूत को सत्यापित कॉपी ना बताते हुए सत्यापित कॉपी देने की बात कही गई। जब शिकायतकर्ता ने कहा कि आपने इन 13 बिंदुओं की सूची ब्लॉक से ली तो जांच अधिकारी यशपाल सचान के द्वारा वीडियो में आप सुन सकते हैं की सूची की बात से इनकार कर दिया गया और वीडियो में साफ तौर से कहा कि हम मिले हुए हैं। वहीं यह वीडियो अब जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा को ऐसे अधिकारी पलीता लगाते दिखाई पड़ रहे हैं। सिर्फ कागजों में भ्रष्टाचार मुक्त अभियान की बात की जा रही है, लेकिन ऐसे अधिकारी अपने जेब को भरने के लिए भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं। शिकायतकर्ता रिंकेश सिंह के द्वारा यह बात बताई गई।