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Kanpur Dehat News: पीड़ित ने चौकी इंचार्ज पर प्रताड़ना का लगाया आरोप, कहा- झूठे मुक़दमे में फंसाने का कर रहे प्रयास
Kanpur Dehat News: संजय दिवाकर ने आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ माह पूर्व उसके बच्चे का किन्ही अन्य बच्चों से विवाद हो गया था जिसके चलते चौकी प्रभारी राहुल कुमार के द्वारा संजय से मुकदमा न लिखने के बदले में 50000 रुपये की मांग की गई थी।
Kanpur Dehat News: कानपुर देहात चौकी इंचार्ज की प्रताड़ना से परेशान पीड़ित ने क्षेत्राधिकारी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए बताया कि चौकी प्रभारी 30000 रुपये लेने के बावजूद अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं। अपमानित, गाली गलौज, अपशब्दों का प्रयोग कर झूठे मुक़दमे में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। पीड़ित ने क्षेत्राधिकार से न्याय न मिलने के बाद मुख्यमंत्री तक जाकर न्याय मांगने की बात कही है।
बता दें कि कानपुर देहात के मुंगीसापुर कस्बे के रहने वाले व्यवसायी संजय दिवाकर पुत्र भगवान दिन दास दिवाकर के द्वारा क्षेत्राधिकार सिकंदरा संजय वर्मा के कार्यालय पहुंचकर शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए पीड़ित ने आरोप लगाया है और बताया कि चौकी प्रभारी मुंगीसापुर राहुल कुमार के द्वारा आए दिन गाली गलौज अपशब्द अभद्रता करते हुए पीड़ित को प्रताड़ित किया जा रहा है।
बच्चों के आपसी विवाद का है मामला
संजय दिवाकर ने आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ माह पूर्व उसके बच्चे का किन्ही अन्य बच्चों से विवाद हो गया था जिसके चलते चौकी प्रभारी राहुल कुमार के द्वारा संजय से मुकदमा न लिखने के बदले में 50000 रुपये की मांग की गई थी। मांग के चलते हुए संजय दिवाकर ने चौकी प्रभारी को 30000 रुपये दिए भी थे लेकिन कुछ समय बाद पुलिस के द्वारा मुकदमा लिख दिया गया जिसके चलते संजय ने जमानत भी करवाई थी।
वहीं संजय ने आरोप लगाते हुए बताया कि अतिरिक्त पैसे की मांग को लेकर चौकी प्रभारी आए दिन गाली गलौज करने घर पहुंचकर बुजुर्ग माता-पिता से अपशब्द कहते हैं इसके साथ-साथ छोटे भाई संजय को चोरी जैसे झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास भी करते हैं।
पुलिस ने बताया
वहीं क्षेत्राधिकार संजय वर्मा द्वारा मामले का संज्ञान लेकर जांच कराकर कार्रवाई की बात कही गई है। वहीं पीड़ित ने बताया कि अगर क्षेत्राधिकार स्तर से न्याय नहीं मिलेगा तो इंसाफ के लिए पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात के कार्यालय जाएंगे। वहां से भी नहीं मिलता है आईजी डीआईजी कमिश्नर के बाद पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के कार्यालय तक जाएंगे। अगर इंसाफ नहीं मिला तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय जाकर इंसाफ की गुहार लगाएगा।