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Kanpur News:जानिए गेहूं की पत्तियां पीली क्यों पड़ती हैं और इसका प्रभाव फसल पर कैसे पड़ता है
Kanpur News: गेहूं की पत्तियों का पीला पड़ना एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसके सही उपचार से किसानों को इस समस्या से बचाव करने और बेहतर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
kanpur News: सर्दियों में खेतों में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से गेहूं किसानों की एक महत्वपूर्ण पसंद है। नवंबर के अंत से लेकर दिसंबर तक गेहूं की बुवाई शुरू हो जाती है। हालांकि, जैसे ही तापमान 5 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है, किसानों को एक सामान्य लेकिन चिंताजनक समस्या का सामना करना पड़ता है: गेहूं की निचली पत्तियों का पीला पड़ना।
यह समस्या न केवल पौधों की वृद्धि पर नकारात्मक असर डालती है, बल्कि प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेसिस) की प्रक्रिया में भी बाधा उत्पन्न करती है, जिससे उत्पादन में कमी का खतरा बढ़ जाता है। इस मुद्दे को समझने और इसका समाधान तलाशने के लिए मौसम विशेषज्ञ डॉ. यस यन पांडेय ने इस समस्या के कारणों और बचाव के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। आइए जानते हैं क्यों पीली पड़ जाती हैं गेहूं की पत्तियां और इसके प्रबंधन के लिए किसानों को क्या कदम उठाने चाहिए।
गेहूं की पत्तियां क्यों पीली पड़ जाती हैं?
डॉ. पांडेय के अनुसार, सर्दियों में मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीवों की गतिविधियाँ धीमी हो जाती हैं, जिससे पौधों को पोषण देने वाले तत्वों की कमी हो जाती है। ठंड के मौसम में नाइट्रोजन की उपलब्धता घट जाती है, और पौधे निचली पत्तियों से नाइट्रोजन को ऊपरी हिस्सों की ओर खींच लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप निचली पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित कारण भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं
1. अत्यधिक ठंड और पाला: ठंड के कारण कोशिकाओं में क्षति होती है, जिससे पत्तियों का रंग बदल जाता है।
2. पीली कुंगी और लीफ ब्लाइट जैसी बीमारियां: ये फफूंदजनित रोग पत्तियों के पीले होने का प्रमुख कारण बनते हैं।
3. जलजमाव: खेतों में पानी का ठहराव जड़ों के विकास को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।
ठंड में फसलों की देखभाल क्यों जरूरी है?
सर्दियों में फसलों की उचित देखभाल अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इस मौसम में तापमान कम होने के कारण फसलों की वृद्धि धीमी हो जाती है। नाइट्रोजन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी उत्पादन क्षमता को प्रभावित कर सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों पर नियमित रूप से ध्यान दें और किसी भी समस्या के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यदि समय रहते उचित उपाय किए जाएं, तो पौधों की निचली पत्तियों का पीला पड़ना रोका जा सकता है और इससे उत्पादन में कमी भी नहीं होगी।
मिल सकती है मदद
मौसम विशेषज्ञ डॉ. यस यन पांडेय ने बताया कि ठंड के मौसम में फसलों का प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है। गेहूं की पत्तियों का पीला पड़ना एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसके सही उपचार से किसानों को इस समस्या से बचाव करने और बेहतर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।