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Kanpur News: एलआईसी को 113 साल पुराने कब्जे को करना होगा खाली, देने पड़ेंगे 5 करोड़ रुपए

Kanpur News: कानपुर में 113 साल से रक्षा संपदा अधिकारी की संपत्ति पर काबिज एलआईसी को अब आखिरकार कब्जा छोड़ना ही पड़ेगा। कानपुर जिला जज कोर्ट ने आदेश जारी किया है।

Avanish Kumar
Published on: 23 Nov 2022 12:30 PM GMT
Kanpur News
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एलआईसी को 113 साल पुराने कब्जे को करना होगा खाली

Kanpur News: कानपुर में 113 साल से रक्षा संपदा अधिकारी की संपत्ति (Defence Estate Office Property) पर काबिज एलआईसी को अब आखिरकार कब्जा छोड़ना ही पड़ेगा। कानपुर जिला जज कोर्ट (Kanpur District Judge Court) ने 1 सप्ताह के अंदर कब्जा छोड़ने का आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट लिखा है कि 1 हफ्ते के अंदर अगर एलआईसी कब्जा खाली नहीं करता है तो बल प्रयोग करते हुए एलआईसी से कब्जा ले लिया जाए। साथ ही एलआइसी को करीब पांच करोड़ रुपये भी देने होंगे। मालरोड स्थित लगभग 1100 वर्ग गज बिल्डिंग का एलआईसी पर 4.96 करोड़ रुपए से ज्यादा लीज रेंट बकाया है।

क्या था मामला

शासकीय अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि सन 1910 को सर्वे संख्या 431 की भूमि 173 रुपये सालाना की दर से एलआइसी को 99 वर्ष के लिए आवंटित की गई थी। 4 अक्टूबर 2009 को यह लीज समाप्त हो गई। भारत सरकार ने नई लीज रेंट पालिसी घोषित की जिसको लेकर रक्षा संपदा अधिकारी ने एलआइसी को नई लीज रेंट पालिसी के तहत किराया अदा करके लीज डीड को नवीनीकृत कराने के लिए कहा लेकिन एलआइसी ने लीज डीड नवीनीकृत नहीं कराई।

कोर्ट ने सुनाया फैसला

शासकीय अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया रक्षा संपदा अधिकारी ने एलआइसी के विरुद्ध 2 अप्रैल 2018 को बेदखली आदेश पारित किया। इस आदेश के विरुद्ध एलआइसी ने जिला जज के न्यायालय में अपील दाखिल की थी। जिसको लेकर कोर्ट ने रक्षा संपदा अधिकारी के बेदखली आदेश को यथावत रखते हुए एक सप्ताह में भवन खाली करने के आदेश दिए हैं और 5 करोड़ रुपए अदा करने के भी निर्देश जारी किये हैं।

मजे की बात ये है कि कानपुर में हीरपैलेस टॉकीज के सामने स्थित इस बिल्डिंग में ओरिएंट होटल एंड रेस्टोरेंट, ड्यूक एंड कंपनी, रीता फ्रूड्स और नादर्न मोटर्स को किरायेदार के रूप में भी बसा दिया गया। किसी ने बकाया लीज रेंट नहीं अदा किया। इन किराएदारों ने भी रक्षा संपदा के इस्टेट आफिसर के बेदखली आदेश को 2018 में जिला जज के समक्ष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी। जिसे खारिज कर दिया गया है।

Deepak Kumar

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