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Kanpur Haunted Places: कानपुर में रात को गलती से भी इन जगहों-सड़कों पर न जाइएगा, ये सबसे डरावनी हैं

Kanpur Haunted Places: कानपुर के नवाबगंज में गंगा बैराज घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। शाम के समय तो ये जगह बहुत ही हसीन लगती है।

Vidushi Mishra
Published on: 1 Oct 2022 10:30 PM IST
Kanpur Haunted Places: कानपुर में रात को गलती से भी इन जगहों-सड़कों पर न जाइएगा, ये सबसे डरावनी हैं
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Kanpur Haunted Places: कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि भूत-प्रेत सब मन का भ्रम होता है, असलियत में ऐसा कुछ नहीं होता है। बड़े हमेशा बच्चों को बताते रहते हैं कि डरावनी फिल्में, नाटक न देखों, नहीं तो दिमाग पर गलत असर पड़ेगा। लेकिन उसके बाद आपने ही ऐसी तमाम जगहों के बारे में सुना भी होगा, जिन्हें लोग डरावनी जगहें कहते हैं। इन डरावनी जगहों पर आधुनिक टेक्नोलॉजी आने के बाद भी किसी की जाने की हिम्मत नहीं होती है। इन हॉन्टेड जगहों के आस-पास से भी गुजरने में लोगों को डर लगता है। ऐसी ही कुछ डरावनी जगहें उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी है। जहां सालों बाद भी कुछ नहीं बदला है। आइए आपको कानपुर से सबसे डरावनी जगहों के बारे में बताते हैं।

कानपुर में डरावनी जगहें

कानपुर गंगा बैराज

कानपुर के नवाबगंज में गंगा बैराज घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। शाम के समय तो ये जगह बहुत ही हसीन लगती है। लेकिन गंगा बैराज से गुजरने वाले लोग अक्सर बताते हैं कि कई बार उन्होंने यहां आत्माओं को देखा है। कई लोगों का कहना है कि गंगा बैराज में रात 2 बजते ही आत्माओं का जमावड़ा लग जाता है।

यहां तक की गंगा बैराज के आस-पास रहने वालों को भी कई अदृश्य शक्तियों का एहसास हुआ है। इस वजह से रात के समय गंगा बैराज पर जाने की किसी की हिम्मत नहीं होती है।

अनवरगंज का बंगला नंबर 128

कानपुर के अनवरगंज में एक प्राइमरी स्कूल है। इस प्राइमरी स्कूल का बंगला नंबर 128 कमरा है। इस कमरे में जाने से हर कोई डरता है। सरकारी स्कूल होने की वजह से यहां अक्सर शिक्षकों का ट्रांसफर होता रहता है, लेकिन ट्रांसफर से पहले ही शिक्षक अपना ट्रांसफर करा लेते है। साथ ही इस प्राइमरी स्कूल में आने वाले बच्चों की संख्या भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

प्राइमरी स्कूल के बारे में स्कूल की एक अध्यापक ने बताया कि स्कूल के एक कर्मचारी की पत्नी ने कुछ साल पहले स्कूल के कमरे में फांसी लगा ली थी। उसके बाद स्कूल के बच्चे बीमार होने लगे। एक बच्चे की भी स्कूल में मौत हो गई। जिसके बाद से स्कूल के उस कमरे में जाने की किसी की हिम्मत नहीं होती है। चौकीदार का यहां तक कहना है कि कई बच्चों ने इस कमरे के अंदर कुर्सी पर बैठी एक महिला को देखा है। जबकि कमरा सालों से बंद है।

कानपुर में सुजातगंज (Sujatganj) इलाका

कानपुर का सुजातगंज इलाका डरावनी जगहों में गिना जाता है। रात के दौरान इस इलाके से आने जाने वाले लोग बताते हैं कि कई बार इस रास्ते से बहुत ही डरावनी आवाजें सुनाई दी। कई बार ऐसी घटनाएं भी घटित हुई कि लोगों ने रात के समय उस रास्ते से जाने छोड़ दिया। तमाम गाड़ियों से आने-जाने वाले लोगों को इस इलाके में पहुंचने पर ऐसा लगा कि उनकी गाड़ी पीछे से भारी हो गई है, फिर जैसे ही वो इलाका खत्म होता, वैसे ही गाड़ी फिर से हल्की पहले जैसी चलते लगती।

सिविल लाइंस ग्रेव यार्ड

कानपुर का सिविल लाइंस इलाका जाने-माने इलाकों में आता है। ऐसा कहा जाता है कि सिविल लाइंस के ग्रेव यार्ड में आत्माओं का बसेरा है। कई लोगों का कहना है कि रात में इस रास्ते से जाने पर भूत दिखाई दिया है। वहीं इस इलाके में रहने वाले लोगों ने अक्सर रात के 2 बजे के आस-पास एक अंग्रेज को सफेद पोशाक पहने टहलते देखा है। फिर टोकने पर अंग्रेज गायब हो जाता है।

खेरेश्वरधाम मन्दिर में अश्वत्थामा की आत्मा

कानपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर खेरेश्वरधाम मन्दिर है। बताया जाता है कि ये मंदिर शिवराजपुर में गंगा नदी से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है। इस प्राचीन शिव मंदिर में महाभारत काल से शिवलिंग पर सिर्फ गंगा जल ही चढ़ता है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मन्दिर को गुरु द्रोणाचार्य जी द्वारा बनवाया गया था। इसी मंदिर में गुरू द्रोणाचार्य जी के पुत्र अश्वत्थामा का जन्म हुआ था।

ऐसा कहा जाता है कि मन्दिर में हर रोज रात में 12 से 1 बजे के बीच द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा पूजा करने के लिए आते हैं। रात में इस मन्दिर के पट बंद होने के बाद सुबह 4 बजे ही खुलते हैं। तो मंदिर के शिवलिंग पर जो सफेद फूल चढ़ाए जाते हैं, उनमें से एक फूल का रंग लाल हो जाता है।



Vidushi Mishra

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