×

IIT छात्रों को मिलेगी पंखों की उड़ान, दी जाएगी पायलट की ट्रेनिंग

देश और दुनिया में नाम रोशन करने वाला कानपुर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) अब एक और नया कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिससे छात्रों को पायलट की ट्रेनिंग भी मिल सकेगी। इसके लिए नागरिक उड़ान नियमो को लागू करने वाले प्रमुख नियामक संगठन ’डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन’ (डीजीसीए) ने अनुमति दे दी है।

priyankajoshi
Published on: 15 Feb 2018 6:28 AM GMT
IIT छात्रों को मिलेगी पंखों की उड़ान, दी जाएगी पायलट की ट्रेनिंग
X

कानपुर: देश और दुनिया में नाम रोशन करने वाला कानपुर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) अब एक और नया कोर्स शुरू करने जा रहा है, जिससे छात्रों को पायलट की ट्रेनिंग भी मिल सकेगी। इसके लिए नागरिक उड़ान नियमो को लागू करने वाले प्रमुख नियामक संगठन ’डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन’ (डीजीसीए) ने अनुमति दे दी है।

कानपुर आईआईटी में अब तक बैचलर इंजीनियरिंग के तमाम कोर्स चल रहे हैं। इन कोर्सों से शिक्षण ग्रहण करने वाले यहां के छात्र देश और विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। अब यहां पर एक ऐसा कोर्स शुरू होने जा रहा है जिससे देश को ग्लाइट पायलट भी आसानी से मिल सकेंगे।

जल्द शुरु होगा प्रशिक्षण

लेबोरेट्री फ्लाइट फैकल्टी के इंचार्ज प्रो. एके घोष ने बताया कि अगले महीने ग्लाइडर पायलट का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए रखी गई योग्यता की जानकारी जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएंगी। बताया कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्रों से लेकर विभिन्न क्षेत्र के युवा यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगे। प्रवेश के लिए नियम बनाए जा रहे है। शर्ते पूरी करने पर ग्लाइडर उड़ाने के प्रशिक्षण के लिए चुने हुए कैंडिडेट्स को प्रवेश दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 50 घंटे का होगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कैंडिडेट्स की परीक्षा ली जाएगी। उसमें सफल होने पर ग्लाइडर उड़ाने का लाइसेंस मिलेगा।

आईआईटी के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि इस नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए नागरिक उड़ान नियमों को लागू करने वाले प्रमुख नियामक संगठन ’डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन’ (डीजीसीए) से लाइसेंस लेना जरूरी होता है।

डीजीसीए की शर्तां के मुताबिक, यहां पर सभी मानक है। इसी के चलते डीजीसीए ने अनुमति दे दी है। बताया कि डीजीसीए विमान चालक, विमान रख रखाव इंजीनियर और उड़ान इंजीनियर को लाइसेस जारी करता है। उन्होंने कहा कि अभी तक यहां पर देशभर के करीब 40 कॉलेजों के 900 से अधिक छात्रों को हर साल फ्लाइट लेबोरेट्री मे प्रशिक्षण दिया जाता है जो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं।

बताया कि इनमें इनमें सैकड़ों आईआईटी के छात्र भी होते हैं जहां पर फ्लाइट लेबोरेट्री नहीं है। छात्र यहां टेक ऑफ, क्लाइंबिंग, लैडिंग और टर्निग समेत अन्य तकनीकी बारीकियां सीखते है। बताया कि फ्लाइट लेबोरेट्री मे 6 सीटर विमान आईआईटी की फ्लाइट लेबोरेट्री करीब 58 वर्ष पुरानी है। यहां करीब 1 किमी. की एयर स्ट्रिप है। यहां पर तीन एयर क्राफ्ट, दो ग्लाइडर व आधा दर्जन विमान के अलावा दो और छह सीटर समेत अन्य विमान भी शामिल है।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story