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तो यहां भी...... मेट्रो में निवेश के लिए अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने लिया जायजा
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ठप पड़ी कानपुर मेट्रो परियोजना को अब पंख लगते दिख रहे हैं। इसी के चलते प्रदेश सरकार की पहल पर गुजरात के अडानी समूह ने रूचि दिखाई और समूह के अधिकारियों ने मंगलवार को कानपुर का दौरा किया। समूह के अधिकारियों ने के
कानपुर:प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ठप पड़ी कानपुर मेट्रो परियोजना को अब पंख लगते दिख रहे हैं। इसी के चलते प्रदेश सरकार की पहल पर गुजरात के अडानी समूह ने रूचि दिखाई और समूह के अधिकारियों ने मंगलवार को कानपुर का दौरा किया। समूह के अधिकारियों ने केडीए के अधिकारियों के साथ बैठक उन जगहों का जायजा लिया जहां से मेट्रो प्रस्तावित है।
चार अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और केन्द्रीय शहरी विकास वेंकैया नायडू ने कानपुर में 17 हजार करोड़ रुपये की मेट्रो रेल परियोजना का एक साथ शिलान्यास किया था। लेकिन मार्च 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और कानपुर की महत्वपूर्ण परियोजना मेट्रो ठंडे बस्ते में पड़ गयी। यहां तक जो काम हो रहा था वह भी बंद हो गया। सत्ता परिवर्तन के करीब दस माह बाद अब प्रदेश सरकार ने कानपुर मेट्रो परियोजना को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया। इसी के तहत गुजरात के अडानी समूह ने इस परियोजना में अपनी रूचि दिखाई और मंगलवार को समूह के अधिकारियों ने कानपुर का दौरा किया। अडानी के समूह के अधिकारियों ने सुबह सबसे पहले केडीए के अधिकारियों के साथ बैठक परियोजना के विषय में पूरी जानकारी जुटाई। इसके बाद टीम ने उन जगहों का जायजा लिया जहां से मेट्रो प्रस्तावित है। टीम ने आईआईटी और पॉलीटेक्निक का भी दौरा किया जहां पर मेट्रो यार्ड का काम शुरू हुआ था।
केडीए के वीसी के. विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि अडानी समूह की ओर लक्ष्मण सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने शहर में प्रस्तावित मेट्रो परियोजना के विषय में जानकारी जुटाई है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने मेट्रो की डीपीआर समेत अन्य जानकारी के साथ मेट्रो रूट का भी दौरा किया है। बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी है। जिस पर जो लागत आंकी गई है उसमें 25-25 फीसदी केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार देगी। करीब 50 फीसदी निजी साझीदारों को वहन करना पड़ेगा। इसी के चलते अडानी समूह परियोजना में नफा नुकसान को देखते अपने प्रतिनिधि मंडल को कानपुर दौरा पर भेजा है।
अखिलेश यादव ने जिस समय कानपुर मेट्रो परियोजना का शिलान्यास किया था उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 17 हजार करोड़ आंकी गई थी। लेकिन केडीए ने अब संशोधित डीपीआर तैयार किया है जिसमें अनुमानित लागत 18.308 करोड़ आंकी गई है और प्रदेश सरकार ने मंजूरी भी दे दी है। बताते चलें कि इस परियोजना के तहत आईआईटी से नौबस्ता और सीएसए से बर्रा के बीच दो रूटों पर काम होना है। पहले चरण में आईआईटी से मोती झील तक मेट्रो का ट्रैक बिछाया जाएगा।