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Kanpur News: चारों ओर चीख-पुकार और हर तरफ लाशें ही लाशें, बचकर वापस लौटे बाबा के भक्तों ने बयां किया दर्द

Kanpur News: बच्चों के हाथ मां के हाथ से छूटकर महिलाओं का मौत के गड्ढे में जाना, फिर वापस न उठना ये सभी दिल को झकझोर देने वाला है। इस दर्दनाक दृश्य देखकर घर वापस लौटे साकार विश्व हरि के भक्तों ने बताया।

Anup Pandey
Published on: 4 July 2024 7:38 PM IST (Updated on: 5 July 2024 9:52 AM IST)
Babas devotees who returned after escaping the Hathras accident expressed their pain
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हाथरस दुर्घटना से बचकर वापस लौटे बाबा के भक्तों ने बयां किया दर्द: Photo- Newstrack

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस में सैकड़ों लोगों की मौत ने सत्संग स्थल को श्मशान का रूप दे दिया है। बच्चों के हाथ मां के हाथ से छूटकर महिलाओं का मौत के गड्ढे में जाना, फिर वापस न उठना ये सभी दिल को झकझोर देने वाला है। इस दर्दनाक दृश्य देखकर घर वापस लौटे साकार विश्व हरि के भक्तों ने बताया कि "वो मौत का तांडव देखकर वापस लौटे हैं। अभी तक वह मंजर आखों में बसा है।

चार गॉव के 70 लोग सकुशल लौटे

आंखों के सामने हादसे को देखकर घर वापस लौटे लोग, जो बिधनू ब्लॉक के कठुई, अफजलपुर, डहरीपुरवा, हाजीपुर के थे। उस खौफनाक मंजर के बारे में जब पूछा गया तो उनकी आंखे भर आईं । उन लोगों ने कहा कि ईश्वर की कृपा से वो वापस सकुशल लौट आएं। जीवन में उन्हें कभी ऐसा मंजर दोबारा न देखने को मिले, जब भी वो आँखे बंद करते है उन्हें चीख -पुकार व चारों तरफ लाशें ही लाशें दिखाई दे रही है।


बारिश से हुआ था कीचड़

बारिश से हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ था। कीचड़ के चलते लोग सड़क किनारे खड़े होकर सत्संग सुन रहे थे। आरती के बाद गुरूजी तुरंत ही चलने लगे तो स्पर्श करने के लिए सड़क की तरफ लोग भागे और सड़क किनारे बने गड्ढे में गिरने लगे देखते ही देखते सत्संग स्थल में भगदड़ मच गयी। कुछ ही देर में सत्संग स्थल श्मशान स्थल बन गया। हाथरस से आये लोगों का कहना था कि वाहनों की लंबी कतार सड़क पर लगी थी। बारिश के दौरान लोग भी सड़कों पर खड़े थे। लाखों की भीड़ होने के बावजूद सत्संग के दौरान पंडाल में गिने चुने पुलिसकर्मी नजर आ रहे थे।

सेवकों के हाथ में डंडा तो कैसे करते भीड़ को मैनेज

साकार विश्व हरि उर्फ़ सूरज पाल जो की कलयुग के कोट पैंट वाले भोले बाबा बनें है। और बाउंसर साथ में रखते है।सत्संग के दौरान भी पुलिस से परमिशन लेने के बाद फ़ोर्स की व्यवस्था का जिम्मा भी खुद के कार्य सेवकों द्वारा लेते है। हाथों में डंडा थामकर भीड़ को सम्हालने का जिम्मा देते है लेकिन जिनके हाथों में डंडा होता उन्हें भीड़ को कैसे सम्हालना है।

मासूम की मौत से कांप गई रूह

हाथरस से लौटे कठुई गॉव निवासी रामू कुशवाहा ने बताया कि चार गॉव से 70 लोगों जिनमें महिलाये व पुरुष दोनों शामिल थे। नारायण विश्व हरी 12:15 पर मंच पर आये और आरती के बाद 1:20 पर वापस चले गए उनके जाते ही भीड़ बेकाबू हुई। स्पर्श करने के लिए मंच की तरफ दौड़ी तभी उन्होंने देखा की एक 6 वर्षीय मासूम अपनी मां के हाथ से छूटकर मौत के पैरों तले आ गया। मेरा कलेजा कांप गया और घटना को बताते हुए रामू की आँखे भर आई।


तीन घंटे तक भीड़ में खोई रही पूर्व प्रधान पूनम

हाथरस गयी कठुई गॉव की पूर्व प्रधान पूनम ने बताया कि वो पहली बार ही सत्संग सुनने गयी थी जैसे ही आरती खत्म हुई और निकलने लगीं तो हादसे के दौरान भगदड़ में वो अपनी बस में तीन घंटे बाद पहुंची इधर पूर्व प्रधान पूनम के लौटने के बाद साथी लोगों ने राहत की सांस ली।

आश्रम पहुंची पुलिस ताला लगाकर भागे कार्यसेवक

बिधनू के करसुई गॉव स्थित आश्रम में ही स्थानीय पुलिस जांच -पड़ताल के लिए पहुंची और वहां के कार्यसेवकों से आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर व हादसे के बाद फरार चल रहे बाबा सूरज पाल के बारे में पूछताछ की तो कार्यसेवक डर गए और पुलिस के जाने के बाद आश्रम में ताला डालकर नौ-दो-ग्यारह हो गए और आश्रम के बाहर सन्नाटा पसरा रहा।

Shashi kant gautam

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