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Kanpur News: सत्ता की रसूख पर पार्षद ने छेड़खानी समेत गंभीर धाराओं में दर्ज कराई FIR, पुलिस पर उठने लगे सवाल
Kanpur News: अब इस मामले में दवा व्यापारी के परिवार ने सीएम से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगाई है। सीएम ने भी इलाज से लेकर केस में न्याय और कार्रवाई का पूरा भरोसा दिलाया है। सीएम ने कहा- मुझे पूरे मामले की जानकारी है। अपराधियों को बक्सा नहीं जायेगा।
Kanpur News: दवा व्यापारी और भाजपा पार्षद के बीच में नया मोड़ आया। अब भाजपा पार्षद की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। भाजपा पार्षद ने गाड़ी नंबर के आधार पर थार चालक और उसके सहयोगियों पर छेड़खानी समेत गंभीर धाराओं पर FIR दर्ज कराई। क्रास एफआईआर होने पर पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठने लगे हैं।
अब इस मामले में दवा व्यापारी के परिवार ने सीएम से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगाई है। सीएम ने भी इलाज से लेकर केस में न्याय और कार्रवाई का पूरा भरोसा दिलाया है। सीएम ने कहा- मुझे पूरे मामले की जानकारी है। अपराधियों को बक्सा नहीं जायेगा।
भाजपा पार्षद की एफआईआर
मैं सौम्या शुक्ला (पार्षद) वार्ड 95 भाजपा, यशोदा नगर की हूं, मैं लाजपत भवन में एक कार्यक्रम में शामिल होकर भाजपा प्रतिनिधियों के साथ रात 12:15 बजे घर लौट रही थी । जरीब चौकी चौराहा से एक थार कार UP. 78. EA 0055 काफी देर साइड नहीं दे रही थी । बहुत देर के बाद साइड मांगने पर फुटपाथ से ओवरटेक करने के बाद भी इन्होंने मेरी गाड़ी अर्टिका में पीछे से जानबूझकर टक्कर मार दी। जब मैंने जनप्रतिनिधि होने के नाते अपनी कार का शीशा उतार कर समझाने का प्रयास किया तो उतर कर नशे की हालत में मुझे खींचा और बहुत ही बेरहमी से बाहर निकालकर साड़ी खींची।
इस दौरान मेरी सोने की चेन वहीं टूट कर गिर गई। जब मेरे पति ने उसको दूर हटाने का प्रयास किया तो उन पर भी जानलेवा हमला करने का प्रयास किया। गाली गलौज करने के बाद उसने तमाम साथी फोन करके बुलाए। वो भी नशे में थे। उन्होंने मेरे व मेरे साथियों के साथ मारपीट की। जिसमें मेरे साथ कार्यकर्ताओं को भी गंभीर चोटें आई हैं। मेरे साथियों के नाम यशस्वी शुक्ला, अंकुर सिंह राजावत, सतेन्द्र वाजपेई हैं।रायपुरवा थाने की पुलिस ने थार गाड़ी के नंबर के आधार पर छेड़खानी, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने, तोड़फोड़ करने के साथ ही लापरवाही से गाड़ी चलाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है।
दवा व्यापारी के परिवार की सीएम से हुई मुलाकात
सिखों के प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार देर मारपीट में घायल दवा व्यापारी अमोल दीप सिंह भाटिया के माता-पिता ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। योगी ने सिख प्रतिनिधिमंडल से खुद कहा कि बहुत दुखद घटना हुई है। इसके लिए मैंने अधिकारियों को बोल दिया था कि किसी कीमत पर गिरफ्तारी होनी चाहिए, आप लोग सत्यदेव पचौरी सांसद के पास गए आपको सही आश्वासन मिला। प्रशासन को हमने बोल दिया था किसी भी हालत में गिरफ्तारी होनी चाहिए।
इस दौरान व्यापारी की मां भूपेंद्र कौर सीएम के सामने भावुक होकर रोने लगीं।। इस दौरान अमोल के पिता ने कहा कि हमें खतरा है। योगी जी ने कहा मैं कमिश्नर से बोल दूंगा पूरी सुरक्षा मिलेगी। पीड़ित परिवार के साथ कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सरदार अजीत सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सरदार रमिंदर सिंह रिंकू, सरदार हरप्रीत सिंह, सरदार त्रिलोचन सिंह, सरदार जसकरण सिंह भी मौजूद रहे।
पार्षद की एफआईआर संदेह के घेरे में
1- पार्षद ने व्यापारी को जानने के बाद भी एफआईआर गाड़ी नंबर से क्यों दर्ज़ कराई और पुलिस ने भी दोनों लोगों को जानते हुए और मामला सीएम तक होने के बाद भी एफआईआर गाड़ी नंबर आधार पर क्यों दर्ज़ की।
2- घटना के बाद पार्षद ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।
3- घटना व ईनाम घोषित होने के बाद और पार्षद पति की गिरफ्तारी के बाद पार्षद ने एफआईआर क्यों दी।
4- छेड़खानी का कोई साक्ष्य नहीं मिलने के बाद भी FIR क्यों दर्ज की।
सत्ता के रसूख पर FIR
पार्षद पति अंकित शुक्ला समेत 5 लोगों के खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद भाजपा नेताओं ने पुलिस कमिश्नर ऑफिस का घेराव किया। पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार बार-बार कहते रहे कि आपके पास कोई साक्ष्य हो तो दीजिए, लेकिन भाजपा नेता का पक्ष कोई भी साक्ष्य नहीं दे सका। बल्कि पुलिस कमिश्नर से उल्टा ही सवाल किया कि क्या आपने अमोल दीप की एफआईआर विवेचना के बाद दर्ज की है।
काफी बहस के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहा शिकायत दर्ज कराने आए हैं या मुझसे बहस करने। गिरफ्तारी तक कोई भी छेड़खानी का साक्ष्य सामने नहीं आया है। वहीं पुलिस को अभी तक भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस के पास CCTV से लेकर कई गवाह और सैकड़ों साक्ष्य हैं।भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला की एफआईआर सिर्फ उनके बयान और सत्ता के दबाव में दर्ज की गई है। पुलिस ने उनकी बात रखने के लिए सिर्फ गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की है।