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Kanpur News: जापानी कृषि तकनीक से खुलेगी भारत में उन्नति की नई राह, CSA कुलपति ने कही खास बात

Kanpur News: कुलपति ने कहा कि इस सत्र का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि में जापानी तकनीक को शामिल करना है, ताकि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार खेती को स्मार्ट और अधिक सशक्त बनाया जा सके।

Avanish Kumar
Published on: 10 Feb 2025 6:43 PM IST
Kanpur News: (Photo Social Media)
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Kanpur News: (Photo Social Media)

CSA NEWS: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के शाकभाजी अनुभाग कल्याणपुर में सीएसए जापानी एमएएएफ मॉडल फार्म प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने की। अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने कहा कि इस सत्र का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि में जापानी तकनीक को शामिल करना है, ताकि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार खेती को स्मार्ट और अधिक सशक्त बनाया जा सके। इससे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण युवाओं को खेती में रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव कृषि ओ. पी. वर्मा ने कहा कि इस परियोजना की सफलता के लिए जापानी प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के बीच निरंतर संवाद जरूरी है। इससे नई कृषि तकनीकों को किसानों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। जापान सरकार के कृषि वानिकी एवं मत्स्य मंत्रालय के प्रतिनिधि मित्सुओ सिमाड़ा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत जापानी कंपनियां उत्तर प्रदेश में सीधे निवेश करेंगी और तकनीकी प्रदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम में जापान एम्बेसी के प्रथम सचिव मसामी ओहता ने कहा कि किसानों को जापानी तकनीक से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके। मेबीऑल कंपनी के सीईओ डॉ. हिरोशी योशिओका ने आईमैक फिल्म फार्मिंग तकनीक से हाइड्रोपोनिक्स की तुलना में 75% पानी की बचत करने की जानकारी दी, जिससे चेरी टमाटर की सफल खेती संभव होगी।

इस कार्यक्रम में जापान के प्रतिनिधियों ने ऑटोस्टीयरिंग सिस्टम का भी प्रदर्शन किया, जिससे चालक की दक्षता बढ़ती है और थकान कम होती है। कार्यक्रम में एस्कॉर्ट कुबोटा, यांमार, मेबीऑल, फ्रेशमामा निशान जैसी कंपनियों के स्टाल भी लगाए गए थे। कार्यक्रम में लगभग 150 किसानों और 30 शोध छात्रों ने भाग लिया, और संचालन डॉ. राजीव ने किया।



Ramkrishna Vajpei

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