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Kanpur News: "शर्करा उद्योग स्थिरता के लिए आधुनिकीकरण और विविधीकरण" विषय पर आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
Kanpur News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने अलग-अलग देशों को उनकी बाजार आवश्यकताओं के अनुसार चीनी और अन्य उत्पादों का उत्पादन करने वाले बिजनेस मॉडल के विकास के बारे में बताया।
Kanpur News: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI), कानपुर और यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन के संयुक्त रूप से कानपुर में "शर्करा उद्योग स्थिरता के लिए आधुनिकीकरण और विविधीकरण" विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और शुगर एक्सपो का उद्धघाटन भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण के सचिव संजीव चोपड़ा द्वारा किया गया। सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, चीन, इंडोनेशिया, फिजी, ईरान, श्रीलंका, थाईलैंड और युगांडा आदि देशों के प्रतिनिधि ने भाग लिया।
उत्पादकता में सुधार के लिए अपनाए बेहतर तकनीक
भारत सरकार के सचिव संजीव चोपड़ा ने उद्योग कर्मियों से खेत से मिलों तक उत्पादकता में सुधार के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। चीनी और हरित ऊर्जा की मांग को पूरा करने, विशेष रूप से इथेनॉल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गन्ने के उत्पादन में निरंतर वृद्धि की आवश्यकता है। गन्ने का क्षेत्रफल और नहीं बढ़ने वाला है, इसलिए उत्पादकता में वृद्धि ही इसका समाधान है। उन्होंने कटाई के बाद गन्ने के प्रबंधन के लिए कारखाने के संचालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में एआई के संभावित उपयोग पर जोर दिया।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने अलग-अलग देशों को उनकी बाजार आवश्यकताओं के अनुसार चीनी और अन्य उत्पादों का उत्पादन करने वाले बिजनेस मॉडल के विकास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उत्पादन की अपार क्षमता को देखते हुए, चीनी उद्योग को उद्यमिता, स्टार्ट अप को बढ़ावा देने और अन्य उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के साथ एकीकरण करने की आवश्यकता है। भविष्य के ईंधन "हरित हाइड्रोजन" का संभावित स्रोत बनते हुए, हमें चीनी और इथेनॉल से परे देखना होगा। देश की 2070 तक कार्बन न्यूट्रल होने की प्रतिबद्धता से हम अवगत हैं।
विश्व बाजार में चीनी की होगी कमी
मेसर्स त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर सिन्हा ने एक आम उपभोक्ता के लिए और दूसरी औद्योगिक प्रयोक्ताओं के लिए चीनी की संभावित दोहरी मूल्य निर्धारण नीति पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस साल विश्व बाजार में चीनी की कमी होने वाली है और मौसम की जलवायु के अनुकूल गन्ने की किस्मों का विकास हर चीनी उत्पादक देश के लिए समय की मांग है।
एलपीपी पॉलिटेक्निक, इंडोनेशिया के निदेशक मुहम्मद मुस्तंगिन ने इंडोनेशिया में प्रचलित आम उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए विभिन्न गुणवत्ता वाली चीनी के उत्पादन और बिक्री के तंत्र पर चर्चा की। मेसर्स डालमिया भारत शुगर्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक पंकज रस्तोगी और ईआईडी पैरी ग्रुप ऑफ शुगर कंपनी के सहायक उपाध्यक्ष टी कन्नन ने चीनी उद्योग के सह उत्पादों और अपशिष्ट से विभिन्न जैव-उत्पादों का उत्पादन करने का सुझाव दिया। चीनी उद्योग को "सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल", "ग्रीन हाइड्रोजन" और "2जी इथेनॉल के केंद्र के रूप में विकसित करना होगा।
गन्ना डिलीवरी वर्गीकरण प्रणाली
शुगर जर्नल इंग्लैंड के संपादक अरविंद चुडासमा ने विभिन्न महाद्वीपों में चीनी की मांग-आपूर्ति का विवरण देते हुए बगास के लिग्निन भाग से विभिन्न मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन पर चर्चा की। कासेट्सर्ट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विराट वानीकश्रीरला ने इनोवेटिव तकनीकों यथा गन्ने की उपज बढ़ाने के लिए ट्रैक्टर पर लगे "ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम" और गन्ने को गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए "गन्ना डिलीवरी वर्गीकरण प्रणाली" का उपयोग करके जले हुए सूखे या बाइंडिंग मैटीरियल की उच्च मात्रा वाले गन्ने को कम करने पर लोगों से बात की। जैव रसायन की डॉ. सीमा परोहा, रिसर्च फेलो नीलम दीक्षित ने भी विभिन्न फीड स्टॉक से बायो एथेनॉल के उत्पादन की संभावनाओं और चीनी कारखानों से विभिन्न गुणवत्ता वाले अपशिष्ट जल को पेय जल में परिवर्तित किए जाने के लिए शुद्धिकरण करने की प्रस्तुति दी।
इन कंपनियों का हुआ सम्मान
जायवंत शुगर लिमिटेड, राजश्री शुगर लिमिटेड, एमआरएन ग्रुप, वेव इंडट्रीज लिमिटेड, बलरामपुर चीनी मिल्स, डीसीएम भारत शुगर लिमिटेड, डालमिया भारत शुगर लिमिटेड, सरस्वाती शुगर मिल लिमिटेड यमुना नगर, धामपुर बायो ऑर्गेनिक लिमिटेड, हरिनगर शुगर मिल्स लिमिटेड, अवध शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड, एसएंएसकेएसएसके लिमिटे को सम्मानित किया गया।
पूर्व छात्रों को किया सम्मानित
10 पूर्व छात्रों को "शर्कराश्री" से सम्मानित किया गया, जबकि चीनी उद्योग से जुड़ी 06 प्रतिष्ठित हस्तियों को "उत्कृष्टता पुरस्कार" दिया गया, जिन्होंने भारतीय चीनी उद्योग की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इथेनॉल उत्पादन, उत्पादकता वृद्धि और विशेष चीनी ओर अन्य मूल्य वर्धित उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने में के लिए 12 चीनी कंपनियों को भी सम्मानित किया गया।