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Kanpur News: कंगारू मदर केयर यूनिट का निर्माण कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में

Kanpur News: कम समय में पैदा होने वाले बच्चों की अच्छे स्वास्थ्य व देखभाल के लिए अब उत्तर प्रदेश में कंगारू मदर केयर यूनिट का निर्माण कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में बनने जा रही है।

Anup Pandey
Published on: 5 Oct 2023 5:22 PM IST
Construction of Kangaroo Mother Care Unit in Hallett Hospital of Kanpur Medical College
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कंगारू मदर केयर यूनिट का निर्माण कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में: Photo-Newstrack

Kanpur News: कम समय में पैदा होने वाले बच्चों की अच्छे स्वास्थ्य व देखभाल के लिए अब उत्तर प्रदेश में कंगारू मदर केयर यूनिट का निर्माण कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में बनने जा रही है। आपको बता दें कि भारतवर्ष में हर वर्ष 13 फीसदी बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं।13वें बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है। ऐसे में इन बच्चों का वजन कम होता है।और इस कारण बचा पाना काफी मुश्किल होता है।

प्रदेश में पहली भारत में दूसरी यूनिट

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में पहली यूनिट और पूरे भारतवर्ष में दूसरी यूनिट कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में बनने जा रही है। यह यूनिट 16 बेड की होगी, जो बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं। जिनका वजन कम होता हैं उनके लिए इस यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है।

कम समय के बच्चें को सीने से लिटाने पर आधी बीमारी दूर

स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश चेलानी ने कहा कि जो बच्चे पैदा होते ही अधिक बीमार और जिनका वजन कम होता है। ऐसे बच्चों को अगर मां अपने सीने के ऊपर लिटा लेती है तो उन बच्चों की आधी बीमारी दूर हो जाती है। वहीं रिसर्च में यह भी पाया कि जो भी मां ऐसा करती है उसका बच्चा स्वस्थ रहता है। इसलिए उन्होंने कंगारू मदर केयर की स्थापना करने की सोची।



2024 में यूनिट बनकर हो जायेगी तैयार

डॉ. संजय कला ने बताया कि डॉक्टरों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी।फिर यह डॉक्टर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में जाकर वहां की नर्स और डॉक्टर को ट्रेनिंग देंगे।फिर इसी तरह वहां भी यूनिट खोली जाएगी। ताकि समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों और जो कमजोर बच्चे पैदा होते हैं, जिनका वजन कम होता है। बच्चों को बचाया जा सके। इस दिशा में कानपुर मेडिकल कॉलेज ने अपना काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में यह यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी।

मां और बच्चा रहेंगे साथ

यूनिट में मां और बच्चे को एक साथ रखा जाएगा। स्वीटजरलैंड से WHO विभाग से आई डॉ. योशिदा साचियों ने कहा कि डॉ. हरीश चेलानी की यह शोध केवल भारतवर्ष में नहीं बल्कि अफ्रीका, बांग्लादेश जैसे कई देशों में हुई है। जो बच्चे अस्वस्थ थे वह मां के सीने में लेटने मात्र से ही स्वस्थ हो गए। इसलिए अब इस यूनिट की शुरुआत कानपुर से होने जा रही है। यूनिट में बच्चों को कैसे लिटाना, कैसे दूध देना,उसका पालन पोषण करना है। इसके लिए नर्स और डॉक्टर को ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे दो फायदे हैं। मां अपने बच्चों के साथ रहेगी और कमजोर बच्चों को जो मशीन में रखकर उपचार दिया जाता था। वह उपचार नेचुरल मिलेगा।



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Shashi kant gautam

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