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Kanpur Green Park News: ग्रीन पार्क स्टेडियम खतरनाक, पीडब्ल्यूडी ने एक स्टैंड को लेकर दी वार्निंग

IND VS BAN: ग्रीन पार्क स्टेडियम को लेकर बताया जा रहा है कि बालकनी सी स्टैंड का हिस्सा खतरनाक हो चुका है।

Sonali kesarwani
Published on: 25 Sep 2024 4:21 AM GMT (Updated on: 25 Sep 2024 4:41 AM GMT)
Kanpur Green Park Stadium
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Kanpur Green Park Stadium (pic: social media)

IND VS BAN:भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से दो दिन पहले कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम को लेकर बड़ी खबर आ रही है। स्टेडियम की जांच करने वाले अधिकारीयों ने बताया कि स्टेडियम के बालकनी स्टैंड वाला हिस्सा काफी खतरनाक है। वो स्टैंड मैच के दौरान सभी लोगों का भार नहीं उठा पायेगा। जिसके चलते परिक्षण के दौरान बालकनी C स्टैंड की आधी से भी कम क्षमता बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने एम् इंटरव्यू में बताया कि पीडब्ल्यूडी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं और हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम बालकनी C के सभी टिकट नहीं बेचेंगे जायेंगे।

बालकनी C में बेंचे जायेंगे केवल 1700 टिकट

यूपीसीए के सीईओ ने आगे कहा कि हम बालकनी C के स्टैंड के लिए केवल 1700 टिकट बेंचे जायेंगे। जबकि उसकी कुछ क्षमता 4,800 है। बाकी बालकनी के मरम्मत का काम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक, अगर स्टेडियम के उस खास हिस्से में अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई तो बड़ा खतरा है। मंगलवार को इंजीनियरों के एक समूह ने बालकनी सी स्टैंड पर करीब छह घंटे बिताए। उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) को शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच के दौरान स्टैंड बंद करने की चेतावनी दी है। जाँच के बाद PWD के एक इंजीनियर ने बताया, “यह स्टैंड 50 प्रशंसकों का भी वजन नहीं उठा पाएगा, अगर वे ऋषभ पंत के छक्का मारने के बाद कूदने लगें। स्टेडियम के इस हिस्से को मरम्मत की सख्त जरूरत है।

पूरी क्षमता का भार नहीं उठा सकता स्टैंड

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और यूपीसीए अधिकारियों ने शाम पांच बजे स्टैंड के पास बैठक की। जहाँ वो इस बात से सहमत हुए कि यह पूरी क्षमता का भार नहीं उठा सकता। आपको बता दें कि ग्रीन पार्क स्टेडियम का स्वामित्व उत्तर प्रदेश सरकार के खेल विभाग के पास है। इसका एक मुख्य कारण लखनऊ में हाल ही में निर्मित भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम है, जिसमें बेहतर सुविधाएं हैं और यूपीसीए भी वहीं से संचालित होता है। यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने कहा, “यह स्टेडियम सीधे तौर पर यूपीसीए के अधीन नहीं है। हमारे पास इसे तैयार करने के लिए मैच से पहले 40 दिनों की ही विंडो है। हमने इस महत्वपूर्ण विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) मैच से पहले सब कुछ बरकरार रखने की पूरी कोशिश की है।

पवेलियन के पास के आठ लाइट काम नहीं कर रहे

इस स्टेडियम मे फ़्लडलाइट अब भी एक मुद्दा बना हुआ है। ख़राब लाइट की वजह से खेल प्रभावित होने का खतरा बना हुआ है। पिछली बार जब भारत ने ग्रीनपार्क में खेला था, तो रचिन रविंद्र और एजाज पटेल की आखिरी विकेट की जोड़ी ने न्यूजीलैंड के लिए ड्रॉ सुनिश्चित किया था, क्योंकि दिन 5 के आखिरी सत्र के दौरान खराब दृश्यता ने अपनी भूमिका निभाई थी। ड्रा हुए टेस्ट के आखिरी 10 मिनट नाटकीय थे, जब भारतीय खिलाड़ी इस उम्मीद के साथ ऊपर की ओर देख रहे थे कि रोशनी में सुधार होगा, लेकिन न्यूजीलैंड के बच जाने के कारण उन्हें निराशा के साथ ड्रेसिंग रूम लौटना पड़ा था। उस मैच को हुए लगभग तीन साल हो गए हैं। लेकिन फ्लडलाइट समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। इस मामले को लेकर खेल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि वीआईपी पवेलियन के पास फ्लडलाइट के आठ बल्ब ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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