TRENDING TAGS :
Kanpur News: उत्तर भारत में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का खतरा, शीत लहर का अलर्ट जारी
Kanpur Mausam News: उत्तर भारत में इस सप्ताह के अंत में मौसम में बदलाव की संभावना है, जिसे लेकर कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉ. यस यन सुनील पांडेय ने बताया कि इस समय उत्तर भारत के उत्तरी मैदानों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बेमौसम बारिश होने की संभावना है।
Kanpur News: उत्तर भारत में इस सप्ताह के अंत में मौसम में बदलाव की संभावना है, जिसे लेकर कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉ. यस यन सुनील पांडेय ने बताया कि इस समय उत्तर भारत के उत्तरी मैदानों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बेमौसम बारिश होने की संभावना है। बीते 48 घंटों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बिखरी हुई बारिश देखी गई, जो पश्चिमी विक्षोभ की हलचल के कारण हुई। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ अब धीरे-धीरे इन क्षेत्रों से पीछे हटने लगा है, जिसके बाद बर्फ से ढके पहाड़ों से सूखी और ठंडी हवाएं उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के क्षेत्रों में चलने लगेंगी, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी।
नया पश्चिमी विक्षोभ ला सकता है मौसम में बदलाव
डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहा है, जो आने वाले दिनों में मौसम में और बदलाव ला सकता है। इस मौसम प्रणाली के कारण उत्तर राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय होगा, जिससे इन क्षेत्रों में बारिश और गरज-चमक की गतिविधियां शुरू होंगी। धीरे-धीरे ये गतिविधियां पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में फैल सकती हैं।
इस बदलाव के साथ ही ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है। अगर ओलावृष्टि होती है, तो इससे खड़ी फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है, खासकर उन फसलों को जो विकास के चरण में हैं। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को इस मौसम के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे किसी भी संभावित नुकसान से बच सकें और फसलों का बचाव कर सकें। ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा खतरा उन फसलों को है, जो फिलहाल फूलने या पकने की अवस्था में हैं।
न्यूनतम तापमान में आएगी गिरावट
इसके अलावा, जैसे-जैसे पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होगा, उत्तरी मैदानों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आएगी। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा और रातें बेहद सर्द हो सकती हैं। इस ठंडे मौसम का असर अगले दो दिनों तक जारी रह सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह ठंड ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी। एक नया पश्चिमी विक्षोभ तापमान के रुझान को पलट देगा और 11 जनवरी के आसपास से तापमान फिर से बढ़ने लगेगा, खासकर उत्तर-पश्चिम भारत और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में।
बेमौसम बारिश और ठंडे मौसम का असर आम जीवन पर भी पड़ेगा। तापमान में उतार-चढ़ाव और बारिश के साथ, उत्तर भारत के लोग अगले कुछ दिनों तक ठंडे, गीले और अस्थिर मौसम के लिए तैयार रहें। किसानों और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को इस मौसम के दौरान सभी जरूरी तैयारियां करने की सलाह दी जा रही है। अंत में, कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपने खेतों की निगरानी रखें और फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। इसके अलावा, भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना को देखते हुए मौसम में होने वाले बदलाव से प्रभावित क्षेत्रों के लोग सतर्क रहें।