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Kanpur News: मूक बधिर बच्चे के सामने चारपाई पर लेटी असहाय मां की जलकर मौत
Kanpur News: घटना की सूचना पुलिस और पति को दी।फोरेंसिक टीम को चारपाई के पास ही माचिस मिली है। एसीपी पनकी टीबी सिंह के अनुसार आत्महत्या का अंदेशा जताया जा रहा है।
Kanpur News: कानपुर शहर के पनकी शाहपुर में मूक बधिर बच्चे के सामने चारपाई पर लेटी असहाय मां की जलकर मौत हो गई। यह जब हुआ तो उस समय बच्चा कमरे में मौजूद था।घटना को देख बच्चा भागकर गेट तक पहुंचा।कमरे से धुआं उठने पर पड़ोसियों ने उससे पूछा तो वह न तो कुछ समझ सका न ही बता सका बस रोता रहा। जब बच्चा कुछ बता नहीं पाया तो पड़ोसियों ने कमरा खोला तो महिला पूरी तरह से जल चुकी थी। घटना की सूचना पुलिस और पति को दी।फोरेंसिक टीम को चारपाई के पास ही माचिस मिली है। एसीपी पनकी टीबी सिंह के अनुसार आत्महत्या का अंदेशा जताया जा रहा है।
मजदूर की थी पत्नी
पनकी के शाहपुर निवासी बाल किशन मजदूर में बताया कि पत्नी लक्ष्मी (38) ने 25 साल पहले ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश की थी।वह ट्रैक के बीच में फंस गई थी। उसकी जान तो बच गई थी। लेकिन रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। तबसे वह बिस्तर पर ही लेटी रहती थी। और शरीर से असहाय हो गई थी।
लक्ष्मी की मां ने तेल के कारोबार से कमाई अकूत संपत्ति
लक्ष्मी की मां ने तेल के अवैध कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित की थी। जिसका पूरा हिसाब किताब व लेखा जोखा लक्ष्मी ही रखती थी। करीब 365 वर्ग गज के प्लॉट में लक्ष्मी अकेली रहती थी। उसी प्लाट में लक्ष्मी की देखभाल बालकिशन करता था। एक आठ साल का बेटा दुर्गेश है।जो जन्म से ही गूंगा और बहरा है। बालकिशन मजदूरी कर अपना गुजर बसर कर पत्नी की देखभाल व जीवन यापन कर रहा था।
बेटे के रोने पर हुआ शक
एसीपी पनकी टीबी सिंह के अनुसार पड़ोसियों ने बताया कि दुर्गेश प्लॉट के गेट के बाहर अचानक भागकर आया और रोने लगा। कमरे से धुआं निकल रहा था।अंदर गए और गेट खोला तो लक्ष्मी का शव चारपाई पर जल रहा था।घटना के वक्त दुर्गेश वहीं था। मां को जलता देख वह सहम गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पानी का छिड़काव कर आग पर काबू पाया।
असहाय के पास माचिस कैसे पहुंची होगी
पनकी में बड़ी बहन मिथलेश निवास करती है। मिथलेश ने कहा कि लक्ष्मी 25 वर्षों से चलने फिरने में असमर्थ थी।लक्ष्मी माचिस तक कैसे पहुंची।क्या कर रही थी।जिससे कमरे में आग लग गई। वहीं कमरे में सोते समय मच्छर वाली कॉयल से आग लगने का भी अंदेशा है लेकिन उसकी राख नहीं मिली है। लक्ष्मी की छोटी बहन ज्योति ने भी कुछ वर्ष पहले इसी मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं पिता की पहले ही मौत हो चुकी है।