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Kanpur News: हाईग्रेड फीवर से अस्पताल में बढ़े मरीज, डेढ़ हफ्ते में 134 डेंगू, 16 मलेरिया व 18 चिकनगुनिया संक्रमित मिले
Kanpur News: कानपुर मेडिकल कॉलेज में लगभग 400 मरीज हाई ग्रेड फीवर के भर्ती हो चुके हैं। वहीं शहर में 10 दिन के अंदर 134 डेंगू, मरीज 16 मलेरिया और 18 चिकनगुनिया के मरीज निकल चुके हैं।
Kanpur News: कानपुर मेडिकल कॉलेज में लगभग 400 मरीज हाई ग्रेड फीवर के भर्ती हो चुके हैं। वहीं शहर में 10 दिन के अंदर 134 डेंगू, मरीज 16 मलेरिया और 18 चिकनगुनिया के मरीज निकल चुके हैं। चिकित्सकों की माने तो वायरस एक बार फिर से हवा में घुल चुके हैं। इस कारण यह हाई ग्रेड फीवर तेजी से बढ़ रहा है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि हाई ग्रेड फीवर के मरीज काफी संख्या में बढ़ गए हैं। इन दिनों हवा में वायरस है।जिसके कारण लोग हाई ग्रेड फीवर की चपेट में आ रहे हैं। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के साथ-साथ अन्य जो वायरस गर्मियों में नष्ट हो जाते हैं। वह भी बरसात के बाद वातावरण में नमी आते ही फिर से जीवित हो गए हैं।वायरस वातावरण में पूरी तरह से मिल अब लोगों को काफी इफेक्टिव कर रहे हैं।यह हाई ग्रेड फीवर अन्य फीवर से बिल्कुल अलग होता है।
यह होती है समस्या
डॉ.गुप्ता ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को बुखार आता है तो उसे पेरासिटामोल या अन्य कोई दवा देकर उसे कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन जब हाई ग्रेड फीवर आता है तो वह सीधे 102, 103, 104 तक पहुंच जाता है।शरीर अंदर से बिल्कुल टूट जाता है। इसको ठीक होने में भी कम से कम 15 से 16 दिन लगते है। इसका ट्रीटमेंट अलग होता है।बुखार चढ़ता तो मरीज को भर्ती करना पड़ता है। इस बुखार में मरीज को चक्कर आना, उल्टी होना, चिड़चिड़ापन आम बात है।डॉ. गुप्ता ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया तीनों का संक्रमण फैल चुका है। यह संक्रमण मच्छर के काटने से फैलता है।
100 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते
रोजाना हाई ग्रेड फीवर के कम से कम 100 मरीज रोज पहुंच रहे हैं। बड़ा चौराहा के पास उर्सला अस्पताल में 60 से 70 मरीज रोज आ रहे हैं।रामादेवी के पास काशीराम अस्पताल की ओपीडी में 60 मरीज फीवर के पहुंच रहे हैं।पिछले कई दिनों से लगातार बुखार की समस्या है। उन्हें भर्ती होने की सलाह दी जा रही है।
मरीजों को देना पड़ रहा ऑक्सीजन सपोर्ट
हाई ग्रेड फीवर के कारण मरीजों को सांस लेने में भी काफी समस्या हो रही है। ऐसे में कुछ मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट भी देना पड़ता है। बुखार आने के बाद मरीज लापरवाही करता है तो उसके चेस्ट में संक्रमण फैल जाता है। इसके कारण मरीजों को सांस से संबंधित दिक्कत होने लगती है।
एकमात्र उपाय
डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि इन बीमारियों से बचने के लिए घर पर ऑल आउट, मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। घर और घर के आसपास कहीं भी पानी का जमाव हो तो उसे तुरंत साफ करें। ऐसी जगह पर डेंगू और मलेरिया के मच्छर बहुत जल्दी पनपते हैं। फुल कपड़े पहन कर रहे, क्योंकि डेंगू का मच्छर हमेशा दिन में ही काटता है। मच्छर के प्रजनन को रोकने के लिए हर वक्त दवा का छिड़काव करें।