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Kanpur News: नहर और नदी का जल स्तर नहीं हुआ कम, सड़कों पर सो रहे लोगों को सता रहा भेड़िया और सियार का डर

Kanpur News: बस्ती से बाहर सड़कों पर रात गुजार रहें लोगों ने बताया कि अधिकतर परिवारों में छोटे बच्चें है। तो वहीं क्षेत्र में आवारा कुत्ते भी हैं। शहर में हो रहीं घटनाओं को देख जंगली जानवरों का डर सता रहा है।

Anup Pandey
Published on: 19 Sep 2024 4:59 PM GMT
The water level of the canal and river has not decreased, people sleeping on the roads are scared of wolves and jackals
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नहर और नदी का जल स्तर नहीं हुआ कम, सड़कों पर सो रहे लोगों को सता रहा भेड़िया और सियार का डर: Photo- Newstrack



Kanpur News: कानपुर शहर और आस पास के क्षेत्रों में मंगलवार देर शाम से शुरु हुई बारिश जो बुधवार को भोर सुबह थमी। जिसके बाद गंगा नदी और नहरों का जल स्तर बढ़ गया। जिस कारण कुछ इलाके और बस्तियां जलमग्न हो गई। वहीं कच्ची बस्तियां भी डूब गईं। जिस कारण परिवारों को सड़कों पर आना पड़ा। और परिवारों को राते सड़क किनारे गुजारने को मजबूर है।

साहब खाना बनाने को निकाल लाए गैस चूल्हा

बांदा निवासी शकुंतला ने बताया कि वह पति रामसेवक व दो बेटी लाडो व सौम्या के साथ रहती है। पूरा परिवार सड़क किनारे रहने को मजबूर है। सरकारी सहायता के नाम पर अभी तक कोई नहीं आया, कोई पूछने तक नहीं आया। किसी तरह गैस-चूल्हा निकाल बाहर निकाल लाए, तो बच्चों को खाना नसीब हो रहा है। आस पास के लोग राशन सामग्री दे गए है। कोई प्रतिनिधि भी यहां देखने नहीं आया है। दो बार से बारिश में बस्ती डूब चुकी है। लेकिन कोई सरकार की तरफ़ से किसी को किसी आवासीय योजना का लाभ भी नहीं मिला है।


लोगों ने बताया दर्द

कैंप में रह रहे लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से सब्जी-पूड़ी व सुबह के नाश्ते में चाय ब्रेड मुहैया कराई गई थी। गुरुवार को बस्ती के आसपास लोग सड़कों के किनारे तिरपाल में रह रहे थे। बस्ती में रहने वाले सुनीता ने बताया कि उनके पांच बच्चे शिवम, सौरभ, गौरव, सत्या, प्रियंका है। पति रतनलाल नगर में प्राइवेट नौकरी करते है। मंगलवार रात अचानक नदी का पानी घर में घुस गया, बच्चों को किसी तरह बस्ती से निकाला। सारा सामान पानी में डूब गया। बच्चों को प्रशासन की तरफ़ से दूध मिला है।

सता रहा जंगली जानवरों का आतंक

बस्ती से बाहर सड़कों पर रात गुजार रहें लोगों ने बताया कि अधिकतर परिवारों में छोटे बच्चें है। तो वहीं क्षेत्र में आवारा कुत्ते भी हैं। शहर में हो रहीं घटनाओं को देख जंगली जानवरों का डर सता रहा है। कहीं छोटे बच्चें इन जानवरों का शिकार न बन जाए। बस जल्द जल स्तर कम हो तो राहत मिले। जिससे डूबी ग्रस्थी को निकाला जा सके। इस पानी में साल दो साल की कमाई डूब गई। वहीं जरूरत के सामान भी पानी में बर्बाद हो गए।

Shashi kant gautam

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