Kanpur News: हवन कराने की फीस 1 लाख 51 हजार, जानिए करौली सरकार की जेल जाने से लेकर बाबा बनने तक की कहानी

Kanpur News: कानपुर के करौली सरकार की बाबा बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। बाबा कई मामलों में जेल जा चुके हैं।

Anup Pandey
Published on: 10 July 2024 3:43 AM GMT (Updated on: 10 July 2024 6:41 AM GMT)
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करौली सरकार कानपुर। (Pic: Newstrack) 

Kanpur News: पुलिस विभाग में एलआईयू पद पर तैनात रहे सूरज पाल जाटव छेड़खानी मामले में पुलिस सेवा से बर्खास्त होने के बाद बाबा बन गए। जहां कुछ दिनों पहले हाथरस कांड के दोषी माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बाबा की चरण धूल पाने के लिए एक के बाद एक लोग दबते रहे। जिसमें सैकड़ों की जान चली गई। ऐसी ही कुछ कानपुर के बाबा करौली सरकार की कहानी है। जहां आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बाबा की शादी की स्थिति न सुधरी तो पहली पत्नी को छोड़ दिया। फिर दूसरी शादी कर ली। उसके बाद किसान नेता बन गए। नेता बनने के बाद जमीन कब्जा, हत्या और धोखाधड़ी मामलों में जेल गए। बेल होने के बाद आपराधिक इतिहास को छुपाने के लिए आज सन्तोष सिंह भदौरिया करौली सरकार बन गए हैं। आज पुलिस इनके खिलाफ मिलने वाली शिकायतों को नजर अंदाज कर देती है और कार्यवाही करने से बचती है।

पहली को मनहूस समझ छोड़ा फिर दूसरी से की शादी

पत्नी-पति के बीच झगड़े को खत्म करने का दावा करने वाले बाबा संतोष सिंह भदौरिया कभी अपनी ही पत्नी को मनहूस मानकर उससे अलग हो गए थे। इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने ममता तिवारी नाम की युवती से दूसरी शादी कर ली। बताया जाता है कि ममता का परिवार आर्थिक तौर पर काफी मजबूत था। वहीं सन्तोष सिंह को एक टैंपो भी मिला था। लेकिन ज्यादा पैसों की लालच में वह काम भी बंद कर दिया।


सजा से बचने को संतोष सिंह बना बाबा

डॉ. संतोष सिंह भदौरिया का अपराधी से बाबा बनने का सफर बड़ा दिलचस्प है। संतोष सिंह पर हत्या और सेवन सीएलए समेत कई धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे। पुलिस से बचने को किसानों का नेता बन गया। संतोष सिंह भदौरिया मूल रूप से उन्नाव के बारह सगवर का रहने वाले है। उसकी किस्मत उस वक्त बदली जब उत्तर प्रदेश और पूरे देश में महेंद्र सिंह टिकैत के किसान आंदोलन का डंका बज रहा था। बाबा के पेशे में आने से पहले वो किसान नेता हुआ करता था। देश के दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ काम किया करता था। संतोष सिंह ने महेंद्र सिंह टिकैत के साथ कई किसान आंदोलनों में बढ़-चढ़कर कर भाग लिया। इसके बाद गरीबों की जमीनों पर कब्जा करने लगा। बिधनू में भूदान पट्टा सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर आश्रम बना लिया। फिर तंत्र-मंत्र के जरिए समस्याओं को हल करने के वीडियो यू-ट्यूब चैनल पर डालने लगा। जिससे गरीब वर्ग के लोग इस तंत्र-मंत्र में फसने लगे। इस तंत्र-मंत्र को बढ़ाने के लिए बाबा के आदमी भी हर तरफ़ लग गए।

हत्या और फ्राड मामले में जा चुका है जेल

फजलगंज थाना क्षेत्र में 4 अगस्त 1992 को अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजकुमार ने संतोष भदौरिया समेत अन्य आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दौरान संतोष भदौरिया का नाम सामने आया था। संतोष भदौरिया को 27 मार्च 1993 जमानत पर रिहा कर दिया गया था। करौली बाबा उर्फ डॉ. संतोष भदौरिया का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है। बाबा पर करीबी की हत्या का आरोप भी है। उसने बैंक फ्रॉड भी किया है। इसके अलावा भी कई मामले दर्ज हैं। बाबा जेल भी जा चुका है। कानपुर के बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐशो आराम से रहता है। करौली बाबा की जिंदगी किसी फिल्मी स्टाइल से कम नहीं है। बाबा के साथ हथियार बंद गार्ड रहते हैं। करोड़ों की गाड़ी में चलता है। करौली सरकार बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया जब अपने शुरुआती दिनों में आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, तो उसने अपनी पहली पत्नी को छोड़ दिया था।


करोड़ों की गाड़ी का मालिक है बाबा

कानपुर बाबा करौली सरकार झाड़ फूंक, तंत्र-मंत्र से बाधाएं और बीमारियां दूर करने का दावा करता है। जो कभी गरीबी से जूझ रहा था। वो स्कूटर से चलता था। कानपुर के करौली सरकार की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। कभी स्कूटर से चलने वाला बाबा टैंपो मालिक बना, फिर इसके बाद मात्र तीन साल में बाबा अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। आज वह तीन रेंज रोवर कारों का मालिक है।

आते हैं हजारों भक्त

बाबा के दरबार में आने वाले भक्तों का कहना है कि बाबा के आश्रम में हर रोज हजारों से ज्यादा भक्त आते हैं। जिसकी प्रवेश की पर्ची 100 रुपए की होती है। वहीं हवन से लेकर बाबा से पूछताछ तक की फीस तय है। हवन की फीस 3551 रुपए है लेकिन कोई हवन करे तो उसे एक नहीं नौ हवन करना होता है। अगर नौ हवन एक ही दिन करवाना है तो उसकी फीस 1 लाख 51 हजार रुपए बनती है। रुद्राभिषेक का 5100 रुपया, महामृत्युंजय जाप का 51 हजार रुपया और बाबा से इमरजेंसी में मिलना है तो 11 हजार रुपए जमा करना पड़ता है।

भक्त पर मारपीट का भी आरोप

संतोष सिंह भदौरिया पिछले तीन सालों से नियमित रूप से दरबार लगा रहा है। कहा जाता है कि इसके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है। इसके आश्रम में हर दिन तीन हज़ार से ज़्यादा अनुयायी आते हैं। इसके अनुयायी भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में हैं। करौली के बाबा संतोष सिंह भदौरिया पर एक भक्त ने मारपीट का आरोप लगाया था। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था। पेशे से डॉक्टर और संतोष भदौरिया के भक्त सिद्धार्थ चौधरी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह यूट्यूब पर संतोष भदौरिया के वीडियो देखते थे और उनसे प्रभावित हुए थे। जहां डॉक्टर पर हमले के मामले में करौली बाबा के आश्रम पुलिस पहुंची थी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 504 और 325 के तहत मामला दर्ज किया था।


पूरा आश्रम किसी वीआईपी होटल से कम नहीं

बाबा ‘ओम शिव बैलेंस’ के मंत्र से बाधाओं और बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर करने का दावा करता है। बाबा का आश्रम वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे और फाइव स्टार होटल की तरह हर सुख-सुविधा से लैस है। देशभर से आने वालों को आश्रम में जरूरत की सभी सामाग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। बाबा एक वीआईपी कुर्सी पर बैठ अपनी सरकार चलाता है। और नए नए तरीके के चैलेंज करता है।

करौली बाबा को गोल्डन बाबा ने बताया था महाठग

गोल्डन बाबा शहर के जाने माने बाबा हैं। जो शरीर पर जूते से लेकर मास्क तक सोने चांदी का बनवाकर पहनते हैं। अपने साथ लड्डू गोपाल लिए रहते हैं। गोल्डन बाबा ने करौली बाबा को महाठग बताया था। जिसके बाद से दोनों में ठन गई थी। गोल्डन बाबा करौली सरकार को पहले भी फर्जी और महाठग बता चुके हैं। गोल्डन बाबा ने कहा था कि करौली सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है, भोले-भाले लोगों के साथ तंत्र-मंत्र के नाम पर खिलवाड़ कर लाखों रुपए की वसूली करने का काम करते हैं। जिसकी शिकायत पुलिस से की गई थी।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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