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Kanpur News: सावधान यूपी वालों, पड़ने जा रही है कड़ाके की ठंड
Kanpur Weather News: चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विशेषज्ञ डॉ.एस.एन सुनील पांडेय के अनुसार, उत्तर भारत का मौसम इस समय दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों और सब-ट्रॉपिकल वेस्टरली जेट स्ट्रीम के प्रभाव में है। जिससे उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ: बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
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Kanpur News: कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विशेषज्ञ डॉ.एस.एन सुनील पांडेय के अनुसार, उत्तर भारत का मौसम इस समय दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों और सब-ट्रॉपिकल वेस्टरली जेट स्ट्रीम के प्रभाव में है। जिससे उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ: बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इस मौसम के बदलाव से एक ओर जहां ठंड का प्रभाव बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर किसानों और यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय
पहला पश्चिमी विक्षोभ वर्तमान में जम्मू-कश्मीर और इसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है। इस विक्षोभ का असर उत्तर भारत में ठंड और बारिश के रूप में दिखाई दे रहा है। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ ईरान के पूर्वी हिस्सों और उसके आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह धीरे-धीरे भारत की ओर बढ़ रहा है और अगले कुछ दिनों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
सब-ट्रॉपिकल वेस्टरली जेट स्ट्रीम का प्रभाव
सब-ट्रॉपिकल वेस्टरली जेट स्ट्रीम, जिसकी गति 120 नॉट तक मापी गई है, समुद्र तल से लगभग 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय है। इसका असर हिमालयी क्षेत्रों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश के रूप में हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके कारण उत्तर भारत में मौसम अधिक ठंडा हो सकता है।
बारिश और बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी हो सकती है। इस दौरान तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
किसानों और आमजन के लिए सलाह
डॉ. सुनील पांडेय ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसल को बारिश और ओलावृष्टि से बचाने के लिए आवश्यक प्रबंध करें। आम जनता को भी सर्दी से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसमी बदलाव अगले 48-72 घंटों तक प्रभावी रह सकता है।