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Kanpur News: डिप्टी CM के साथ रहने वाले नेता के घर कब चलेगा बुलडोजर? अखिलेश यादव का सवाल तेल नहीं परमिशन नहीं या चाभी खो गई
Kanpur News: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने कानपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा नेता द्वारा किशन बाबू सिंह की जमीन को कौड़ियों को भाव खरीदने के मामले को लेकर के मुख्यमंत्री योगी व पार्टी के अन्य नेता अपना कोई भी बयान जारी नहीं कर रहे हैं।
Kanpur News: जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाली प्रदेश सरकार की नीति क्या हवा में चल रही है। मैं देवरिया भी गया। कानपुर भी आया। वर्तमान समय में कानपुर में हुई घटना ने प्रदेश की भाजपा सरकार का आईना आम जनता को दिखा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने कानपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा नेता द्वारा किशन बाबू सिंह की जमीन को कौड़ियों को भाव खरीदने के मामले को लेकर के मुख्यमंत्री योगी व पार्टी के अन्य नेता अपना कोई भी बयान जारी नहीं कर रहे हैं। ये अन्याय कर रहे है। अब इनको अपनी पार्टी के नेता के घर भी बुलडोजर चलवाना चाहिए।और ना ही दोषी नेता के घर पर बुलडोजर ही गरज रहा है।
कहां गया बुलडोजर?
प्रदेश सरकार ने बुलडोजर की चाबियां अपने पास रख ली है।या फिर उन बुलडोजरों में डीजल खत्म हो गया है। या परमिशन नहीं मिल रही लखनऊ ऑफिस से,सरकार दावा करती है कि भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश से समाप्त हो गया है।परंतु जब उनकी पार्टी के नेताओं की बात आती है।तब वह इस नीति से पीछे हट जाते हैं। और बुलडोजर भी गायब हो जाता है।
पार्टी के नेता ने एक समाज के व्यापारी की आंख कर दी खराब
कानपुर में भाजपा पार्षद पति द्वारा की गई पिटाई से जख्मी व्यापारी अपना इलाज करवा रहा है। व्यापारी को मारने वाले बीजेपी पार्षद पति के घर नहीं चला बुलडोजर,भाजपा ने दोहरी नीति अपनाई है।आम जनता भाजपा की इन नीतियों को देखा और समझ रही है।और आने वाले 2024 के चुनाव में जनता इस बात का पूरा जवाब भी देगी फिलहाल अभी प्रदेश सरकार इस मामले में क्या कर रही है।यह देखने वाली बात है।क्योंकि कई आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही तो हुई परंतु जो पार्टी से जुड़ा हुआ नेता है।उसके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
पुलिस नाम हटाने व एफआईआर का ले रही पैसा
इन मामलों को देखकर लग रहा है।कि पुलिस का एक संगठित गिरोह काम कर रहा है।और वह किसके इशारे पर काम कर रहा है।यह समझने वाली बात है। पूर्व में हुए दंगो में पुलिस नाम हटाने जोड़ने तक का पैसा ले रही है। आरोपियों के पोस्टर चस्पा करवा दिए। अब अपनी पार्टी के फरार नेता के पोस्टर क्यों नहीं चस्पा करवा रहे है।