नौसेना के लिए बनने लगी स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन, समुद्री सीमा के लिए है खास

Kanpur News:एडब्लयूईआईएल की तीन फैक्ट्रियों में बन रही खास तरीके की ऑटोमेटिक गन। समुद्री सीमा में घुसपैठ करने वाले जहाजों पर रात में भी सटीक निशाना लगता है।

Snigdha Singh
Published on: 19 Aug 2024 5:21 PM GMT
Stabilized remote started being made for the Navy Control gun is special for maritime border
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नौसेना के लिए बनने लगी स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन, समुद्री सीमा के लिए है खास: Photo- Social Media

Kanpur News: भारतीय नौसेना के लिए स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन बनाने का काम शुरू हो गया है। रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू कानपुर स्थित मुख्यालय एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्लूईआईएल) को मिले ऑर्डर पर काम शुरू हो गया है। 12.7 एमएम स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन (एसआरसीजी) का त्रिची समेत तीन आयुध निर्माणियों में उत्पादन शुरू हो चुका है। इसमें शहर के फील्डगन फैक्ट्री समेत निजी उद्योगों का भी सहयोग है। पांच सालों में 463 गन बनाने का ऑर्डर है। करीब दो किमी तक मार करने वाले इस हथियार में 85 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। युद्धपोत में लगने वाली यह गन समुद्री सीमाओं में होने वाली किसी भी घुसपैठ पर एक्टिव हो जाती है और रात के अंधेरे में भी अचूक निशाना साधती है।

घुसपैठी नावों के लिए है कहर

नौसेना के युद्धपोतों और जहाजों पर लगने होने वाली यह तोप समुद्री सीमा में घुसपैठ करने वाली छोटी नावों और दूसरे छोटे जहाजों पर कहर बनकर टूटती है। रात के अंधेरे में घुसपैठ को अंजाम देने वाले दुश्मन भी इसके नजर से नहीं बच सकते हैं क्योंकि यह रात में भी अचूक निशाना साधती है। स्टेट ऑफ द आर्ट युद्ध प्रबंधन प्रणाली के तहत रिमोट कंट्रोल ऑपरेशन, अत्याधुनिक अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ स्थिरीकरण, डे-कैमरा, थर्मल इमेजर, लेजर रेंज फाइंडर और स्वाचलित लक्ष्य ट्रैकिंग सिस्टम है।

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एमएसएमई को मजबूत करेगा प्रोजेक्ट

एडब्लईआईएल के भारतीय नौसेना के साथ इस अनुबंध से एमएसएमई सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी। प्रबंधन के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी भारत मिशन के तहत 85 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री इसे बनाने में इस्तेमाल होगी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के डीपीएसयू के साथ 125 तरह के निजी और सूक्ष्म उद्योगों को भी इसमें शामिल किया गया। तमिलनाडु की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री त्रिची में एसआरसीजी का निर्माण शुरू हो गया है।

राजेश चौधरी, सीएमडी, एडब्लूईआईएल के अनुसार भारतीय नौसेना के लिए स्टेबलाइज्ड रिमोट कंट्रोल गन बनाने के अनुबंध के बाद इसके उत्पादन की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। यह हथियार भारतीय समुद्री सीमाओं में किसी भी तरह की घुसपैठ को नाकाम कर देगा। इससे भारतीय नौसेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ेगी। यह आत्मनिर्भर भारत मिशन और स्वदेशीकरण के मिशन को मजबूत करेगी।

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खास है यह एसआरसीजी

कैलिबर- 12.7 एमएम

भार - 38.10 किलो

बैरल की लंबाई-1143 एमएम

मारक क्षमता-1.82 किमी

फायरिंग- 450-600 राउंड प्रति मिनट

Shashi kant gautam

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