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IIT KANPUR: पायनियर बैच का पुनर्मिलन, 2.5 करोड़ रुपये से पुरस्कार की शुरुआत
IIT KANPUR: यह पुरस्कार आईआईटी कानपुर के उद्देश्यों के अनुरूप मौलिक अनुसंधान और नवाचार को मान्यता देने के लिए शुरू किया जा रहा है...
IIT KANPUR News (Photo - Social Media)
Kanpur News: आईआईटी कानपुर का प्रतिष्ठित पायनियर बैच (क्लास ऑफ 1965) 6-9 मार्च 2025 के बीच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में अपना डायमंड जुबिली रीयूनियन मना रहा है। इस आयोजन में पुराने साथियों से मिलकर पुरानी यादें ताजा की जा रही हैं और संस्थान के साथ अपने स्थायी रिश्तों का उत्सव मनाया जा रहा है। रीयूनियन के दौरान बैच ने 2.5 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है, जिसे संस्थान में पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड की स्थापना के लिए दान किया जाएगा।
यह पुरस्कार आईआईटी कानपुर के उद्देश्यों के अनुरूप मौलिक अनुसंधान और नवाचार को मान्यता देने के लिए शुरू किया जा रहा है, और इसे 'गिविंग बैक' की भावना को जारी रखने का एक प्रतीक माना जा रहा है। पायनियर बैच का यह कदम संस्थान के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि आगामी पीढ़ियों को नवाचार और तकनीकी विकास के क्षेत्र में योगदान करने के लिए प्रेरित किया जाए।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस पहल पर कहा, "पायनियर बैच ने संस्थान की स्थापना के समय से लेकर आज तक कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और संस्थान के महान उद्देश्य को आगे बढ़ाएगा।"
प्रो. अमेय करकरे, डीन ऑफ रिसोर्सेज एंड एलुमनाई, आईआईटी कानपुर ने कहा, "यह पुनर्मिलन और पुरस्कार की स्थापना आईआईटी कानपुर के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। पायनियर बैच की दूरदर्शिता और उदारता हमारे संस्थान के लिए अमूल्य है।" यह कदम आईआईटी कानपुर के लिए पायनियर बैच की दीर्घकालिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, पहले की महत्वपूर्ण पहलों जैसे पायनियर बैच कॉन्टिन्यूइंग एडुकेशन सेंटर (पीबीसीईसी) और अपॉर्चुनिटी स्कूल के लिए किए गए योगदानों की कड़ी में जुड़ता है।
पूर्व छात्र बैच समन्वयक श्री अभय भूषण ने कहा, "यह पुरस्कार हमें अपने संस्थान को वापस देने का एक तरीका है। हम उम्मीद करते हैं कि यह नवाचार की विरासत को और बढ़ावा देगा और संस्थान के शोध और विकास में योगदान देगा।" इस आयोजन के साथ, आईआईटी कानपुर का पायनियर बैच संस्थान के भविष्य को संवारने और उसे वैश्विक शोध परिदृश्य में एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए अपना योगदान जारी रखेगा।