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Kanpur News: नौतपा से ज्यादा सब्जियों की महंगाई ने निकाला पसीना, लोगों का बजट बिगाड़ रहीं महंगी सब्जियों के दाम

Kanpur News: नौतपा से भले ही लोगों को राहत मिल गई होगी लेकिन सब्जियों के बाजार से अब घर का बजट तपने लगा होगा।

Anup Pandey
Published on: 28 Sep 2024 7:02 AM GMT
vegetables price hike
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vegetables price hike  (photo: social media )

Kanpur News: कानपुर शहर में इस समय बीते माह में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ रही है। जिस कारण आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है। हर साल बारिश के समय संबिज्यों की कीमत बढ़ जाती है। और इस बार भी बढ़ गई है। जिससे बाजार में फुटकर सब्जी बेचने वाले भी गायब हो गए है। या तो ठेले में सब्जियां कम दिखाई दे रही है।

नौतपा से भले ही लोगों को राहत मिल गई होगी लेकिन सब्जियों के बाजार से अब घर का बजट तपने लगा होगा। जहां टमाटर अपने आप में तो लाल है। लेकिन भाव को सुन लेने वाला भी लाल हो जा रहा है। हरी सब्जियों में भिड़ी, शिमला मिर्च, बैगन और भी हरी सब्जी मंहगी है। जिस कारण लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। और बारिश में लोग पसीना छोड़ रहे है।

महिला ने बताएं फुटकर सब्जी के रेट

सब्जी लेने गई महिला अर्चना ने बताया कि सब्जी का तो मत पूछो, पूरी मंडी में आग सी लगी हुई है। लौकी तीस से चालीस रुपए लहसुन सुन किए हुए है। जिसका रेट 40 का सौ ग्राम, अदरक 100 रुपए किलो, बैगन 50 रुपए किलो, करेला मुंह को कड़वा कर रहां, आलू 60 का दो किलो, टमाटर 80 से 100 रुपए किलो और इस समय हरी धनिया का कोई जोड़ नहीं है। जिसका रेट सब सब्जियों में सबसे अलग है।


रेट हुए हाई तो सब्जी कौन खाई

फुटकर ठेले वालों ने बताया कि थोक मंडी में रेट अधिक होने पर सब्जी बेचने को मजबूर है। सब्जी महंगी होने से हम ठेले वाले भी सब्जी लाकर बेच नहीं पा रहे है। अधिक रेट की सब्जी लाते है तो लेने वाले उसका रेट बहुत ही कम लगाते है। जिस कारण वह सब्जी बिक नहीं पाती है। और खराब होकर फेकनी पड़ जाती है। जिससे हम ठेले वालों का बजट बिगड़ जाता है।


बारिश के कारण हो रही सब्जी महंगी

थोक विक्रेता सौरभ ने बताया कि बारिश के कारण सब्जियां महंगी हो गई है। और बाहर से आने वाला माल बारिश में खराब हो जा रहा है। जिस कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है और लोकल की हरी सब्जियों के दाम इस कारण बढ़े है कि गंगा कटरी और आस पास होने वाली सब्जियां गंगा के जल स्तर बढ़ने के कारण पैदा नहीं हो पा रही है। और बाहर से आने वाला माल ट्रांसपोर्ट की वजह से महंगा पड़ रहा है। यह सब्जियों का बजट अभी दीवाली तक ऐसा ही रहेगा। वहीं मंडी में रखा हुआ माल बारिश से सड़ रहा है। जिससे बचे हुए माल से सब्जियों की कीमत निकाली जा रही है।





Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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