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Kanpur news: कानपुर के एसीपी के पेशकार को विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा
Kanpur News: कानपुर से ऐसा मामला सामने आया है जहां एसीपी के पेशकार ही घूस लेते हुए पकड़े गए। घूस में पेशकार ने 20 हजार रूपए की डिमांड रखी थी।
Kanpur news: कानपुर से एक बड़ा मामला सामने आया है। जहाँ एसीपी के पेशकार को विजिलेंस ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। एसीपी का पेशकार हाथों की उँगलियों से इशारा करके 20 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा था। आये दिन ऐसी घटनाएं सामने आती है जहाँ नौकरी में रहकर अच्छा वेतन पाने के बाद भी पैसों की भूख के लिए सरकारी कर्मचारी पीड़ितो को विभागों से टरकाते है। जहां पीड़ित कर्जा लेकर अपने कामों को करवाता है। और कुछ पीड़ित काम करवाने में मांगी गई घुस को लेकर ऊपर शिकायत करते है। लेकिन विभाग अपने कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करता है। ऐसे में पीड़ित योजना बना कर उन कर्मचारियों को घूस देने के साथ पकड़वा देते है। ऐसा ही एक मामला एसीपी बाबूपुरवा के कार्यालय का आया है। जहां चार्टसीट भेजने को मांगी गई रकम तो वादी के भाई ने घूस देते हुए रंगेहाथों पकड़वा दिया। यह कानपुर का कोई पहला मामला नहीं है।
बीच बाजार से पकड़ते हुए ले गए
एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय से उनके पेशकार के पकड़े जाने के बाद विजिलेंस टीम उनको पकड़कर घसीटते हुए बाजार में अपने साथ ले गई। पुलिस कर्मचारी को कई लोग सिविल ड्रेस में पकड़े थे। जिस पर लोगों ने वीडियो बना लिया। वीडियो में यह भी दिख रहा है कि पेशकार ने जूते भी नहीं पहन रखे हैं और वह छोड़ने की बात कह रहा है। डीसीपी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि मामले में एफआइआर दर्ज होने के बाद अधिकृत रूप में जब उनके पास जानकारी पहंचेगी तब विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
मांगी थी बीस हजार की घूस
मुकदमे से संबंधित एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय जानकारी लेने गए वादी दिव्यांग रिंकू पासवान और उसकी मां से एसीपी के पेशकार ने 20 हजार की रिश्वत हाथों की उंगलियों से इशारा कर के मांगी थी। जहां आरोप है कि पेशकार ने कहा कि ऐसे थोड़ी न चार्जशीट भेजी जाती है। कुछ समझना पड़ेगा। रकम न होने पर 15 हजार की डिमांड रखी गई। जहां वादी रुपये देने के बजाय उसे पकड़वाने की योजना बनाने लगा। एसीपी ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि रिश्वत किस बात पर मांगी गई थी।
उंगलियों के इशारे पर बताई घूस की रकम
वादी के भाई मोनू ने बताया कि एसीपी बाबूपुरवा अमरनाथ यादव के पेशकार हेड कांस्टेबल शहनवाज खान और कांस्टेबल योगेश कुमार मुकदमों को लेकर फाइल लटकाए रहते हैं। भाई रिंकू जब कार्यालय पहुंचे और फाइल की जानकारी ली तो योगेश ने कहा कि अभी समय लगेगा। जिस पर रिंकू ने कहा कब तक फाइल चली जायेगी। तब पेशकार ने कहा,.... कुछ समझो। उनसे पूछा कि क्या करना पड़ेगा। इस पर योगेश के साथी शहनवाज खान ने दो अंगुली से इशारा किया। जहां रिंकू ने दो हजार रूपए समझा तो शहनवाज बोले कि 20 हजार रुपये देने पड़ेंगे।