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कानपुर: फर्जी कॉल सेंटर का हुआ भंडाफोड़, पुलिस ने गिरफ्तार किए ठग

स्वॉट टीम प्रभारी अमित तोमर ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी हरिओम पांडे को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड हरिओम परिवार के साथ गाजियाबाद में फ्लैट लेकर रह रहा है।

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Published on: 25 March 2021 5:59 AM GMT
कानपुर: फर्जी कॉल सेंटर का हुआ भंडाफोड़, पुलिस ने गिरफ्तार किए ठग
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कानपुर: फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर करता था ठगी हुआ गिरफ्तार (PC: social media)

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बुधवार देर रात डीआईजी की स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। टीम ने मॉल रोड और चुन्नीगंज स्थित कॉल सेंटर में छापेमारी की करते हुए पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। कॉल सेंटर में नौकरी करने वाली 16 युवतियों को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।पुलिस पूछताछ में पता चला है कि सरगना युवतियों के जरिए बेरोजगार लोगों के फोन पर कॉल कराता था।फिर विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रुपयों की मांग करता था।एक बार उनकी बातों के झांसे में आने के बाद अगर युवक पैसे खाते में डाल देता था तो फिर वह नंबर स्विच ऑफ हो जाता था।

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कैसे करते थे काम -

स्वॉट टीम प्रभारी अमित तोमर ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी हरिओम पांडे को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड हरिओम परिवार के साथ गाजियाबाद में फ्लैट लेकर रह रहा है। उसने फर्जी कॉल सेंटर का मुख्यालय ऑफिस नोयडा में वना रखा है।जिसकी जिम्मेदारी उसने अपने गुर्गे अजय और विवेक को सौप रखी था। बुधवार की देर रात हरिओम कानपुर में अपनी ब्रांच में निरीक्षण करने आया था।

kanpur kanpur (PC: social media)

सर्विलांस की मदद से पुलिस ने सबसे पहले ग्लोवस मॉल की छठवीं मंजिल पर वने फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की। यहां पुलिस को 8 युवतियां काम करते हुए मिली।फिर चुन्नीगंज स्थित कॉल सेंटर में छापा मारा। यहां भी पुलिस को 8 युवतियां मिली।पुलिस ने छापेमारी के दौरान लैपटाप, सिमकार्ड,कम्प्यूटर, फोन व कई उपकरण बरामद किए है।

ठगी के जरिए कमाते 25 लाख रुपये -

स्वाट प्रभारी के मुताबिक आरोपित से पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह दिल्ली से लोगों के फोन नंवरों का डाटा खरीद लेता था।यह नंवर कॉल सेंटर में भेज दिए जाते थे।फिर युवतियां लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ठगी करती थीं। गिरोह के द्वारा एक मेल आईडी दी जाती थी और रुपयों की डिमांड की जाती थी। पैसा खाते में जाते ही सब कुछ वंद हो जाता था।यह गिरोह महीने में दो से ढाई हजार बेराजगारों को ठगते थे,जिनसे 20 से 25 लाख रुपये महीने की कमाई होती थी। कॉल सेंटर में करीब 15 से बीस लड़कियां नौकरी पर रखी हुई थीं, जिन्हें यह 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह देते थे।

kanpur kanpur (PC: social media)

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क्या बोले एसपी वेस्ट -

एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया है कि स्वॉट टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों के साथ ठगी करने का काम किया जा रहा था।पुलिस ने इनके पास से करीब 3 दर्जन से अधिक मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और डायरियां मिली है।सभी मिले हुए समान की जांच करते हुए कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्ट - अवनीश कुमार

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