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Kanpur News: सत्यापन करने से घबराने लगे समाजवादी पार्टी के विधायक, विधानसभा अध्यक्ष को लिखा ये पत्र

Kanpur News: इसी के चलते समाजवादी पार्टी के आर्य नगर के विधायक इतना घबरा गए हैं कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सत्यापन संबंधित कार्यों को लेकर विधानसभा सदस्यों की बाध्यता को समाप्त करने की मांग करी है।

Avanish Kumar
Published on: 22 Dec 2022 6:56 AM GMT (Updated on: 22 Dec 2022 7:55 AM GMT)
Samajwadi Party
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Samajwadi Party (photo: social media )

Kanpur News: कानपुर में समाजवादी पार्टी के सीसामऊ विधायक इरफान सोलंकी एक बांग्लादेशी नागरिक के सत्यापन के मामले में मुलजिम बनाए गए। इसके बाद लगातार समाजवादी पार्टी के नेता गलत तरीके से समाजवादी पार्टी के विधायक को फंसाने का आरोप कानपुर पुलिस पर लगाती चली आ रही है। इसी के चलते समाजवादी पार्टी के आर्य नगर के विधायक इतना घबरा गए कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा। पत्र लिखकर सत्यापन संबंधित कार्यों को लेकर विधानसभा सदस्यों की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की है।

क्या लिखा है पत्र

कानपुर नगर की आर्य नगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखते हुए एक निवेदन किया है। लिखा कि आधार कार्ड में नाम में स्पेलिंग की त्रुटि होने, पते में परिवर्तन, अन्य त्रुटियों के निवारण हेतु नया आधार कार्ड बनवाये जाने हेतु क्षेत्रीय विधायक अथवा किसी विधायक से प्रमाणित करा कर लाने का फार्म दिया जाता है। इसी प्रकार से कई बार विभिन्न कामों में चरित्र प्रमाण पत्र सत्यापन, सरकारी नौकरी में चरित्र सत्यापन, सरकारी संस्थान से दिव्यांग उपकरण प्राप्त करने हेतु, दिव्यांगों की आय सत्यापन करने हेतु, गरीब व्यक्ति की इलाज के लिए प्रमाणित करने के लिए विधायक के हस्ताक्षर अथवा पत्र की आवश्यकता होती है। पेन कार्ड में विधायक की पर्सनल आईडी मांगी जाती है।

विधानसभा अध्यक्ष को लिखा ये पत्र (photo: social media )

आमतौर पर विधायक क्षेत्र भ्रमण के दौरान अथवा अपने कार्यालय में होने के दौरान किसी जनसामान्य नागरिक की बात को सुनते हैं। सामान्य कार्य है जो सत्यापन से जुड़े होते हैं उनको तत्काल कर देने का काम करते हैं। विधायक के पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं होती, जो इस तरह के प्रतिदिन आने वाले फार्मों को सत्यापन मौके पर जाकर करें सके और नही विधायक के पास जांच करने का अधिकार होता है। मेरा निवेदन है कि इस प्रकार के कार्यों की जिम्मेदारी तहसील व पुलिस विभाग को दी जानी चाहिए और खासतौर पर जिस विभाग का सत्यापन होना हो उस विभाग के लोगों को ही सत्यापन करना चाहिए।अक्सर विभाग अपनी जिम्मेदारी टालने के लिए भी विधायक का सिफारिशी पत्र लाने के लिए कहते हैं आप वस्तुस्थिति समझते होंगे कि विधायक किसी को भी सामान्य सिफारिशी पत्र मना नहीं कर सकता क्योंकि विधायक को क्षेत्र में जाकर के लोगों से अपने सहयोग की अपेक्षा करनी होती है।

दर्ज किए जा रहे हैं मुकदमे

विधायक बाजपेई ने पत्र में आगे लिखा है इस समय पुलिस दमन करने के उद्देश्य से किसी भी विधायक के किसी भी सत्यापित किये हुए डाक्यूमेंट को उठाकर विधायक पर संगीन धाराओं में मुकदमा लिखे जाने का काम कर रही है। विधायकों के ऊपर पुलिस का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। विधायकों का मनोबल टूटा है। हम लोग किसी भी प्रकार का सत्यापन करने से अपने आप को असमर्थ पा रहे हैं। सत्यापन करने से घबरा रहे हैं।

समाप्त की जाए व्यवस्था

विधायक अमिताभ बाजपेई ने पत्र में आखरी में लिखा है कि मेरे पत्र का संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों से तहसील अथवा पुलिस को निर्देशित कर के विधायक से सत्यापित कराये जाने की व्यवस्था को ही समाप्त करने का कष्ट करें। विधायक को पूर्ण सचिवालय इस प्रकार का दें, जिसमें इस प्रकार का सरकारी स्टाफ हो। इससे मौके पर परिवार जाकर सत्यापन प्रक्रिया को पूर्ण कर सके। विधायकों की सुरक्षा को देखते हुए यह कार्य अति आवश्यक है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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