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Inspirational Story: कभी खुद के फीस के नहीं थे पैसे, अब 150 बच्चों को शिक्षा ही नहीं जीवन जीना सिखा रहे कानपुर के उद्देश्य
Inspirational Story: कभी खुद की स्कूल फीस भरने के लिए पैसे नहीं होते थे। लेकिन, आज उद्देश्य 'गुरुकुलम स्कूल' में 150 से ज़्यादा बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का काम कर रहे हैं।
Inspirational Story: देश में अभी भी कई स्थान ऐसे हैं जहां शिक्षा अभी भी नहीं पहुंची है, यह अभी भी एक समस्या है। जिन जगहों पर शिक्षा पहुंच भी गई है तो वहां के स्कूलों की फीस इतनी अधिक है कि वह सभी के लिए वहनीय नहीं है। लेकिन कानपुर का एक लड़का जरुरतमंद लोगों के लिए ही जीता है और जरुरतमंद लोगों को जिंदगी में कुछ कर गुजरने का सपना दिखाता है। आज इस रिपोर्ट में हम आपको कानपुर के 23 वर्षीय उद्देश्य सचान के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके पास में कभी खुद की स्कूल फीस भरने के लिए पैसे नहीं होते थे। लेकिन, आज उद्देश्य 'गुरुकुलम स्कूल' में 150 से ज़्यादा बच्चों को शिक्षा के ज़रिए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं।
उद्देश्य सचान ने अपने पिता से ली प्रेरणा
उद्देश्य सचान ने बचपन से ही अपने पिता को स्कूल की फीस भरने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए देखा। लेकिन, उद्देश्य ने भी कड़ी मेहनत करते हुए प्रत्येक परीक्षा में टॉप किया। जिसके बाद भी उनका किसी सरकारी और प्राइवेट कंपनी में सिलेक्शन नहीं हो पाया। जिसके बाद भी उन्होने कई छोटे-छोटे काम किये लेकिन अपने मकसद में लग रहे। काम करने के दौरान उद्देश्य ने देखा कि शहर में जो उनके जैसे गरीब बच्चे हैं झुग्गी झोपड़ियो में रहते हैं लेकिन गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाते हैं। गरीबी और शिक्षा की कमी के कारण उन्हे बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे उन्होने अपने पिता की कड़ी मेहनत से प्रेरणा लेते हुए गरीब बच्चों के लिए स्कूल खोलने का फैसला किया। सोशल मीडिया के माध्यम से कोई भी उद्देश्य के साथ जुड़ सकता है।
उद्देश्य ने 5 बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने से की थी शुरुआत
उद्देश्य सचान बताते हैं कि साल 2019 में 9वीं और 10वीं के 5 बच्चों को मुफ्त में कोचिंग देने से अपने मिशन की शुरुआत की। जिसके बाद धीरे-धीरे झुग्गी झोपड़ियों के भी बच्चों को पढ़ाना शुरु कर दिया। जिसके बाद धीरे-धीरे 5 बच्चों से 10 बच्चे और उसके बाद देखते ही देखते 70 बच्चे हो गए। इन सभी बच्चों को उद्देश्य मुफ्त में शिक्षा देने का काम करते हैं। बच्चों को पढ़ाने का सिलसिला चलता रहा और उद्देश्य ने साल 2021 में एक कमरा किराए पर लेकर 'गुरुकुलम- खुशियों वाला स्कूल' की शुरुआत की। उद्देश्य और तीन टीचर आज इसी गुरुकुलम में 150 गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का काम करते हैं।