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विकास दुबे का खौफ खत्म, 25 साल बाद प्रधानी के लिए डाले जा रहे वोट
बिकरू गांव में 25 साल के बाद बिना किसी भय के लोग पंचायत चुनाव में अपने प्रधान को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं।
कानपुर: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav 2021) के पहले चरण के अंतर्गत मतदान प्रक्रिया चल रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एनकाउंटर में मारे गए अपराधी विकास दुबे के बिकरू गांव में में भी लोग बढ़ चढ़कर मतदान कर रहे है। जहां प्राथमिक विद्यालय में मतदाताओं की भीड़ साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। 25 साल के बाद बिना किसी भय के लोग इस बार के पंचायत चुनाव में स्वतंत्र रूप से अपने प्रधान को चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं।
पिछले साल मुड़भेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) के गांव बिकरू का भी नजारा इस बार चुनाव में बदला हुआ है। बिकरू गांव में बने प्राथमिक विद्यालय में मतदाताओं की भीड़ साफ तौर पर दिखाई दे रही है। वहीं पुलिस ने भी शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सख्त पहरा प्राथमिक विद्यालय के बाहर लगा रखा है।
विकास दुबे का लोगों में डर
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया अपराधी विकास दुबे की मर्जी के बिना गांव में पंचायत चुनाव लड़ने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। और विकास दुबे जिसे चाहता वहीं पंचायत चुनाव में पर्चा दाखिल करता और फिर वहीं चुनाव लड़ता। अपराधी विकास दुबे यहां पर इतनी तूती बोलती कि लगभग 25 वर्षों तक गांव में होने वाले पंचायत चुनाव में सिर्फ और सिर्फ उसी के परिवार का वर्चस्व रहता और ज्यादातर उसके परिवार के लोग निर्विरोध चुनाव जीत जाते।
अपराधी विकास दुबे खुद तो निर्विरोध चुनाव जीता ही जीता और साथ में दो बार भाई की पत्नी व नौकर की पत्नी तथा करीबी को निर्विरोध प्रधान बनवाया। लेकिन इस बार के चुनाव में बिकरू गांव की कुछ अलग ही तस्वीर दिखाई पड़ रही है। जहां कभी विकास दुबे के खिलाफ खड़े होने की कोई हिम्मत नहीं कर पाता। आज उन्हीं पंचायत सीटों से 10 दावेदारों ने प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं और ग्रामीण भी वोट डालने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इन सीटों पर रहा विकास का दबदबा -
अपराधी विकास दुबे का बिकरू, भीटी, सुजजा निवादा, डिव्वा निवादा, काशीराम निवादा, वसेन सहित आसपास के एक दर्जन ग्राम पंचायतों में दबदबा रहा। इन ग्राम पंचायतों में विकास दुबे की मर्जी के खिलाफ कोई भी जिला पंचायत प्रत्याशी या फिर प्रधान प्रत्याशी गांव में प्रवेश नहीं करता और अगर गांव में पहुंच भी गया तो गैंगस्टर विकास दुबे का इतना आतंक था कि किसी भी प्रत्याशी से ग्रामीण बात नहीं करते और प्रत्याशी को उल्टे पैर वापस होना पड़ता। लेकिन आज वहीं मतदाता भी अपनी इच्छा अनुसार मतदान करने को स्वतंत्र दिखाई पड़ रहा है और खुलकर वोट करने के बाद चौराहों पर बैठ लोग राजनीतिक बातें करते हुए दिख रहे हैं।
गौरतलब है कि कानपुर के थाना चौबेपुर के अंतर्गत बिकरू में 2 व 3 जुलाई 2020 की मध्य रात्रि अपराधी विकास दुबे व पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए और वहीं पुलिस ने भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अपराधी विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया।