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Kanpur News: कानपुर हिंसा के फाइनेंसर मुख्तार बाबा को मिली बेल, 6 महीने बाद हुआ रिहा

Kanpur Violence News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा (Kanpur Violence) के फाइनेंसर को 6 महीने बाद बेल मिल गई है।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 16 Dec 2022 5:26 AM GMT (Updated on: 16 Dec 2022 5:42 AM GMT)
Baba Biryani
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Baba Biryani (Image Credit : Social Media)

Mukhtar Baba Arrested : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा (Kanpur Violence) के फाइनेंसर को 6 महीने बाद बेल मिल गई है। बता दें कि मामले में जांच करते हुए एसआईटी (SIT) ने मुख्यारोपी मुख्तार बाबा को गिरफ्तार किया था। एसआईटी का आरोप था कि मशहूर रेस्टोरेंट बाबा बिरयानी (Baba Biryani) के मालिक मुख्तार बाबा (Mukhtar Baba) को कानपुर हिंसा में फंडिंग की है। पुलिस के द्वारा पैरवी में की गई लापरवाही का फायदा उठाया। हाईकोर्ट से उसे जमानत मिली हैं। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने गैंगस्टर एक्ट केस में बेल पर सुनवाई के बाद 8 दिसम्बर को ही उसे जमानत दे दी थी। दो जमानतदार लाने और लिखा-पढ़ी पूरा करने में एक सप्ताह लग गया। इसके बाद गुरुवार देर शाम रिहाई परवाना जेल पहुंचा तो वह बाहर आ गया।

कौन है बाबा बिरयानी (Who is Baba Biryani)

बाबा बिरयानी कानपुर समेत उत्तर प्रदेश तथा इससे सटे कुछ अन्य राज्यों में भी बहुत प्रसिद्ध है। मुख्तार बाबा के बिरियानी रेस्टोरेंट बाबा बिरियानी पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से लोग कानपुर बिरयानी खाने जाते हैं। कानपुर हिंसा मामले में एसआईटी जांच करते हुए पाया कि मुख्तार बाबा ने ही जुमे की नमाज के बाद हिंसा करने के लिए मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी को क्राउडफंडिंग कराया था। बाबा बिरियानी मैं ही जुमे की नमाज के दिन हिंसा करने वाले सभी पत्थरबाजों ने अपना खाना-पीन भी किया था।

एसआईटी की जांच में सामने आया है कि बाबा बिरियानी हे मालिक मुख्तार बाबा नहीं पत्थरबाजी के लिए बुलाए गए लोगों को फंड दिलाया था। साथ ही पत्थरबाजों के रहने और खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था की थी। कानपुर हिंसा मामले के अलावा बाबा बिरयानी पर प्राचीन मंदिर के हिस्से पर कब्जा कर उस पर बिरयानी की दुकान खोलने का तथा शत्रु संपत्ति का भी एक मामला चल रहा है।

क्या है कानपुर हिंसा?

उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में हिंसा उस वक्त भड़क गई जब भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया। नूपुर शर्मा के इसी बयान के खिलाफ कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग एक रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान दुकान बंद कराने को लेकर दो समुदायों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते यह कहासुनी एक हिंसा में बदल गई। दोनों समुदायों की ओर से जमकर पथराव हुआ। मौके पर हालात को काबू करने पहुंची पुलिस पर भी उपद्रवियों ने काफी देर तक पथराव किया।

इस दौरान उपद्रवियों ने आसपास के कई वाहनों को भी पेट्रोल बम का इस्तेमाल कर जला दिया। सरकार ने एक्शन लेते हुए इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। यूपी पुलिस ने अब तक इस मामले को लेकर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी समेत कुल 57 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी मामले में अब एसआईटी के इस हिंसा के लिए फंडिंग करने वाले बाबा मुख्तार को गिरफ्तार किया गया है। माना जा रहा कि एसआईटी के निशाने पर अभी कई और संदिग्ध भी हैं।

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