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Kanpur Violence: जुमे की नमाज के बाद कैसे भड़क उठी कानपुर में हिंसा? जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी
Kanpur Violence: उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। इस मामले में पुलिस ने अब तक 40 नामजद तथा 350 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है।
Kanpur Violence : उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा (Violence in Kanpur) भड़क गई। इस दौरान दो पक्षों के दौरान जमकर पथरा हुआ इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी हुई। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने किसी तरह हालात को कंट्रोल में किया, हालांकि पूरे क्षेत्र में अभी भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। बता दें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) भी आज कानपुर शहर में मौजूद हैं ऐसे तनावपूर्ण स्थिति के बीच राष्ट्रपति के दौरे के कारण सुरक्षा एजेंसियां (security agencies) और अन्य पुलिस प्रशासन की चुनौती और बढ़ गई है। फिलहाल इस मामले को लेकर पुलिस की ओर से 350 से अधिक अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है वहीं 40 लोगों पर नामजद एफ आई आर दर्ज हुआ है।
यहां से सुलगी हिंसा की आग
शुक्रवार को कानपुर शहर में हिंसा की शुरुआत यतीमखाना इलाके से हुई। जहां धर्म के मुद्दे को लेकर दो समुदाय के लोगों के बीच यतीमखाना इलाके के बाजार तथा मुख्य सड़क में बहस शुरू हुई देखते ही देखते यह बहस हिंसा का रूप लेने लगी। दोनों पक्षों की ओर से जमकर पत्थरबाजी की गई, घटनास्थल पर मौजूद कई गाड़ियों को उपद्रवियों ने बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। दो गुटों के बीच हिंसक झड़प की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस जब तक पहुंची तब तक पूरे इलाके में बाजार बंद हो चुका था सड़कों पर हर तरफ बस पत्थर बिछड़े दिखाई दे रहे थे पुलिस ने सख्ती बरतते हुए उपद्रवियों को भगाना शुरू किया।
उपद्रवियों ने पुलिस पर किया पथराव
जब पुलिस ने उपद्रवियों पर बल प्रयोग कर भगाना शुरू किया तब यतीमखाना इलाके के बस्ती तथा अन्य सकरी गलियों में छिपे उपद्रवियों ने पुलिस पर ही पत्थरबाजी करना शुरू कर दिया। उपद्रवियों द्वारा काफी देर तक किए गए इस पथराव में कई पुलिस वाले गंभीर रूप से जख्मी हुए हालात को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। दोपहर से शाम तक कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने देर रात कहीं इलाके में शांति व्यवस्था स्थापित कर पाया हालांकि अभी भी यतीमखाना तथा बेकनगंज इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए कानपुर के कमिश्नर डीएम तथा अन्य बड़े अधिकारियों ने हिंसा प्रभावित पूरे इलाके में फ्लैग मार्च किया।
क्या है मुस्लिम पक्ष का दावा?
कानपुर हिंसा मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष का दावा है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से यह लोग जुलूस निकाल रहे थे इस जुलूस में बच्चे, बड़े, बुजुर्ग सभी लोग शामिल थे। थोड़े ही देर बाद इस जुलूस पर अचानक से पत्थरबाजी शुरू हो गई इस पत्थरबाजी में छोटे बच्चों को निशाना बनाया जा रहा था। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमने लोगों से अपील किया कि लोग अपनी दुकानें बंद कर लें। मगर इस दौरान हमने किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जिसे दुकान बंद करना हो वह करें और जिसे खोले रखना हो वह खोले रह सकता है। हम शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाल रहे थे जिन बच्चों पर पत्थरबाजी की गई उनका कसूर बस इतना था कि वह जुलूस निकाल रहे थे।
हिंदू पक्ष का क्या है दावा?
शुक्रवार को कानपुर में हुए हिंसा मामले को लेकर हिंदू पक्ष के लोगों का दावा है कि शुक्रवार को कुछ लोग जुलूस निकाल रहे थे यह जुलूस ऐसे एरिया में निकाल रहे थे जहां परेड चौक पर हिंदू पक्ष के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं जुलूस निकालने वाले लोग जबरजस्ती दुकानों को बंद करवाने लगें, जब हम लोगों ने इसका विरोध किया तो उनकी ओर से पथराव शुरू कर दी गई। हालांकि पुलिस ने वक्त रहते आकर हालात को काबू में कर लिया वरना इस पूरे इलाके में यह लोग कब्जा कर लिए होते।
हाल ही में बीजेपी नेता ने पैगंबर मोहम्मद पर की थी टिप्पणी
एक ओर जहां कानपुर हिंसा को लेकर जुलूस में बहस की बात की जा रही, वहीं दूसरी ओर इस हिंसा का सबसे बड़ा जड़ बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की एक टिप्पणी भी कारण मानी जा रही है। बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी कर दिया था। इस टिप्पणी को लेकर ही बीते दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा विरोध जुलूस निकाला जा रहा था। इसी दौरान दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसके कारण पूरे इलाके में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी
कानपुर हुई हिंसा पर जानकारी देते हुए एडीजी यूपी प्रशांत कुमार ने बताया इस हिंसा में अब तक कुल 35 दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है इन सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में फैंस एसोसिएशन के हयात जफर हाशमी, एहसान कबाड़ी, जीशान, आकिब, मौलाना मोहम्मद जौहर अली, आमिर जावेद और इमरान काले समेत करीब 40 लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज हुआ है इसके अलावा 300 से अधिक अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है जिनकी धड़ पकड़ के लिए तलाश की जा रही है।
अखिलेश यादव ने की नूपुर शर्मा के गिरफ्तारी की मांग
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को हुए कानपुर हिंसा मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से कानपुर में जो अशांति हुई है उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ्तार किया जाए हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।"