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कानपुर हिंसा का खुलासा: आरोपी हयात का सामने आया सच, अब होगा ताबड़तोड़ एक्शन

Kanpur Hinsa : उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। इस मामले में चार आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 6 Jun 2022 10:36 AM IST
Kanpur Violence main accused Hayat Zafar Hashmi
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Kanpur Violence main accused Hayat Zafar Hashmi (Image Credit : Social Media) 

Kanpur Violence : उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा (Violence in Kanpur) भड़क गई। इस दौरान दो पक्षों के दौरान जमकर पथराव हुआ इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी हुई। अब इस हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) से जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है। दरअसल हिंसा के कुछ घंटे पहले हयात जफर हाशमी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज किया था। अब हाशमी का व्हाट्सएप चैट तेजी से वायरल हो रहा है, 10 से 11 बजे के बीच व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे गए इस मैसेज में बाजार बंद करने का जिक्र किया गया था। इस मामले को लेकर पुलिस आगे जांच कर रही है।

कानपुर में हिंसा

उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। इस हिंसा की शुरुआत कानपुर शहर के यतीमखाना इलाके से हुई। दो समुदायों के बीच यतीमखाना इलाके में बाजार बंद करने के मुद्दे को लेकर बहस शुरू हुई, मगर इस मामूली बहस ने देखते ही देखते एक बड़ी हिंसा का रूप ले लिया। दोनों समुदायों की ओर से जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई, उपद्रवियों ने घटनास्थल के आसपास मौजूद कई गाड़ियों को भी पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। हिंसा के सूचना मिलते हैं यतीमखाना इलाके में कानपुर के अलग-अलग स्थानों से भारी पुलिस बल पहुंच गई। पुलिस ने जब उपद्रवियों को भगाना शुरू किया तब उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिसके बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

हयात समेत चार आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड

कानपुर हिंसा मामले को लेकर बीते दिन पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी समेत कई अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया है। बता दें इस मामले को लेकर पुलिस की ओर से 350 से अधिक अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वहीं 40 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज हुआ है। साथ ही इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया गया है। मामले में पीएफआई से कनेक्शन होने का एंगल सामने आने के बाद एसआईटी की टीम मामले की जांच और गहनता से कर रही है। अनुमान है कि इस हिंसा के पीछे राजनीतिक व्यक्तियों के भूमिका का भी खुलासा हो सकता है।

क्या है दोनों पक्षों का दावा?

कानपुर हिंसा मामले को लेकर दोनों समुदायों की ओर से अलग-अलग दावा किया जा रहा है जहां एक ओर मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वे लोग पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा द्वारा किए गए कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में जुम्मे वाले दिन एक जुलूस निकाल रहे थे, इस जुलूस में कई बच्चे भी शामिल थे। जुलूस के दौरान मुस्लिम पक्ष ने बाजार में कुछ दुकानों को बंद करने का अपील किया। हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने किसी को भी बाध्य नहीं किया जिन्हें मन था उन्होंने दुकान खुद बंद कर लिया, मगर इस बीच जुलूस पर कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई।

वहीं इस हिंसा मामले को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि शुक्रवार को जुलूस के दौरान यह लोग जबरदस्ती दुकानों को बंद करवाने लगे। जब हमने उनके इस फैसले का विरोध किया तब उन्होंने पथराव शुरू कर दिया हालांकि पुलिस ने वक्त रहते आकर हालात नियंत्रण में कर लिया वरना यह लोग पूरे इलाके में कब्जा कर लेते।



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Bishwajeet Kumar

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