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Kanpur Violence: पुलिस ने 40 उपद्रवियों के जारी किए पोस्टर, अब तक 38 गिरफ्तार

Kanpur Violence Case: कानपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 40 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए हैं। हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए पोस्टर जारी किए गए हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 6 Jun 2022 3:55 PM IST (Updated on: 6 Jun 2022 4:26 PM IST)
Kanpur Violence Case: Police issued posters of 40 miscreants, 38 arrested so far
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कानपुर हिंसा मामला: पुलिस ने 40 उपद्रवियों के जारी किए पोस्टर

Kanpur Violence: कानपुर हिंसा से जुड़ा बड़ी खबर है, पुलिस ने 40 उपद्रवियों का पोस्टर जारी किया है। जिसकी सूचना देने के लिए एक फोन नंबर भी जारी किया गया है। पुलिस को इन उपद्रवियों की शिनाख्त नहीं मिल पा रही है। जिसके लिए उन्होंने अब इनका पोस्टर जारी कर इनकी सूचना देने की अपील की है। बता दें बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में यह आरोपी बनाए गए हैं, इनकी गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस ने पोस्टर जारी कर इनका सुराग लगाने की कोशिश की है।

1000 अज्ञात को आरोपी बनाया पुलिस ने

इस हिंसा में अब तक पुलिस ने 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 1000 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। इस हिंसा के मुख्य आरोपी हाशमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया उसे 14 दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसके मोबाइल से पुलिस को अहम सुराग भी मिलने की बात कही जा रही है।

पीएफआई कनेक्शन को लेकर भी पुलिस कर रही जांच

बताया जा रहा है कि उसके मोबाइल में 140 व्हाट्सएप ग्रुप बने थे। जिनमें बंद को लेकर बातें की गई थी और जश्न मनाया जा रहा था। पुलिस को इसके साथ ही अन्य सुराग मिले हैं। इस हिंसा से जुड़े सारे राज उगलवाने में लगी है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसमें और कौन-कौन से लोग शामिल थे। पीएफआई कनेक्शन को लेकर भी पुलिस और एटीएस की जांच आगे बढ़ रही है।

बताया 3 जून ही हिंसा के लिए क्यों चुना?

यूपी पुलिस ने जब कानपुर हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी से पूछा कि, भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने 26 मई को एक टीवी डिबेट में पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया। तो 27 मई को भी जुमे की नमाज थी, तब प्रदर्शन क्यों नहीं किया? इस पर हाशमी का जवाब था, 3 जून को शहर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आने वाले थे। साथ ही, जुमा भी था। इसलिए यही दिन बवाल के लिए मुकर्रर किया गया। हालांकि, यूपी पुलिस, खुफिया एजेंसी सहित अन्य को भी पहले से इसी बात की आशंका थी, मगर हयात जफर हाशमी ने स्वयं ही इस पर मुहर लगा दी।

हमारा मकसद तो पूरा हुआ

ज्ञात हो कि, पुलिस लगातार हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi), उसके साथी जावेद (javed), सुफियान (Sufyan) और राहिल (Rahil) से अलग-अलग पूछताछ की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ में कई ऐसे सवाल थे जिसमें चारों के जवाब एक ही थे। इन सभी ने कहा, कि जिस तरह नूपुर शर्मा ने विवादित बयान (Nupur Sharma controversial statement) दिया, भविष्य में ऐसा कोई न करे। इसलिए उन्होंने सख्ती से विरोध किया। कानपुर हिंसा के इन आरोपियों बताया कि उनका मकसद इस बात को देश के शीर्ष तक पहुंचाना था। उनका मकसद पूरा हो गया। बता दें, उनके ऐसा कहने का इशारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर था।



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Shashi kant gautam

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