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Kartik Maas 2022 Deepdaan: कार्तिक मास में ही दीपदान क्यों किया जाता है, कार्षिणी नागेंद्र महाराज से

Kartik Maas 2022 Deepdaan: कार्षिणी नागेंद्र महाराज ने बताया कि विश्व की कल्याण की कामना के लिए यहां पर लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं दीपदान किया जा रहा है।

Mathura Bharti
Published on: 6 Nov 2022 6:51 AM GMT
Karshini Nagendra Maharaj told why lamp is donated only in the month of Kartik
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कार्तिक मास में ही दीपदान क्यों किया जाता है, कार्षिणी नागेंद्र महाराज से: Photo- Newstrack

Kartik Maas 2022 Deepdaan: योगीशा तीर्थ के तत्वावधान में कार्ष्णि नागेंद्र महाराज (Karshini Nagendra Maharaj) के सानिध्य में, लगातार 26 अक्टूबर से विश्व के कल्याण की कामना हेतु, महायज्ञ एवं दीपदान में भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु भक्त आकर सम्मिलित हो रहे हैं। ये भक्त अनेको प्रांत से आ रहे हैं और विश्वकल्याणार्थ श्रीलक्ष्मी नारायण यज्ञ में सम्मिलित हो रहे हैं।

कार्षिणी नागेंद्र महाराज ने बताया कि कार्तिक मास में ही दीपदान क्यों किया जाता है, इस विषय में ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि एवं शास्त्रीय दृष्टि से देखा जाए तो कार्तिक मास में सूर्य तुला राशि में पहुंच जाते हैं जो कि नीच माना जाता है और शास्त्रों में ऐसा भी वर्णन आया है कि सूर्य ग्रह का पृथ्वी से सीधा संपर्क करें तो पृथ्वी पर रहने वाले जलचर जीवों पर किसी भी प्रकार का गलत प्रभाव ना पड़े। इस प्रकार से पृथ्वी का बैलेंस बनाने के लिए दीपदान किया जाता है। दीपदान करने का एक दृष्टिकोण यह भी है। इसीलिए विश्व की कल्याण की कामना के लिए यहां पर लक्ष्मी नारायण महायज्ञ एवं दीपदान किया जा रहा है।

भारत की संस्कृति को बचाना है

कृष्ण जन्मभूमि पक्षकार एडवोकेट महेंद्र सिंह ने कहा कि सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार आश्रम और मठों से धर्म आचार्यों के द्वारा ही होता है। हमारे सनातन संस्कृति का राष्ट्र भारत है और भारत की संस्कृति को बचाना है, तो समस्त धर्माचार्य को एकत्रित होकर के इस प्रकार के यज्ञ आयोजन करने चाहिए। जिससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाए और सब को हमारी भारतीय संस्कृति को जानने का मौका मिले। पहली बार मैंने देखा कि आटे के दीपक उनसे दीपदान अद्भुत और हम सब को प्रेरणा देने वाला यह आयोजन है।


बृज में भगवान ने बछड़े चराए हैं

कथा प्रवक्ता श्यामसुंदर बृजवासी ने कहा हमें इस स्थान की जानकारी ही नहीं थी योगीशा तीर्थ में आ करके पता चला कि यहां भगवान ने बछड़े चराए हैं। साक्षात यह वह भूमि है जहां भगवान के चरण पड़े हैं और इस भूमि पर जो भी यज्ञ पूजा पाठ करता है तो उस पर भगवान की कृपा अवश्य होती है।

भारत के समस्त प्रांतों से भक्त श्रद्धालु आ रहे हैं और श्रद्धा भाव के साथ यज्ञ में सम्मिलित होकर सभी अपने कल्याण और कामनाओं की पूर्ति के लिए आहुति दे रहे हैं और श्री यमुना जी में दीपदान कर रहे हैं।

कार्यक्रम में सम्मिलित रहे गौ भक्त स्वामी कृष्णानंद महाराज श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के एडवोकेट महेंद्र सिंह, भागवत कथा प्रवक्ता श्याम सुंदर बृजवासी, श्री हरिहर मुद्गल, आचार्य वेदव्यास, आचार्य अरविंद कृष्णम, गोविंद खंडेलवाल, श्रद्धा खंडेलवाल इसमें उपस्थित हैं।

Shashi kant gautam

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