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Karwa Chauth in Lucknow: केमिकल युक्त मेंहदी से त्वचा संक्रमण से लेकर कैंसर तक का खतरा, रचवाएं ऑर्गेनिक मेंहदी
Disadvantages of Chemical Mehndi: त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अलीज़ा ज़ैदी ने बताया कि बाजार में लगाई जाने वाली मेंहदी में पीपीडी और डायमीन नामक केमिकल मौजूद होते हैं।
Disadvantages of Chemical Mehndi: करवा चौथ (karva chauth in lucknow) पर मेंहदी लगाना शुभ और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है, जिसके लिए इस दिन महिलाओं में मेंहदी लगवाने की होड़ मच जाती है। आजकल महिलाएं ज्यादा रचने वाली मेंहदी को लगाना पसंद करतीं है, लेकिन आपको यह शायद ही पता हो कि तुरंत चढ़ने वाली ये मेंहदी केमिकल युक्त होती हैं। अगर आपकी त्वचा जरा भी संवेदनशील है तो ये मेंहदी आपकी त्वचा और सेहत के लिए काफ़ी घातक साबित हो सकती है। केमिकल युक्त मेंहदी (chemical based mehndi) हाथ पर लगाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे त्वचा में सूजन, खुजली, खरोंच के निशान। ये लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, नहीं तो एलर्जी पूरे शरीर में फैल सकती है। कई बार इस तरह की केमिकल युक्त मेंहदी त्वचा के कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
ऑर्गेनिक मेंहदी से त्वचा को मिलती है ठंडक
कई बार बाजार में केमिकल युक्त मेंहदी, हर्बल मेंहदी के नाम से भी मिलती है। इनसे बचने के लिए बाजार में ईकोसर्ट सर्टिफाइड ऑर्गेनिक मेंहदी कोन मौजूद हैं। ये 97 प्रतिशत आर्गेनिक हैं और ये त्वचा को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। करवा चौथ जैसे त्यौहारों पर बाजार में मिलने वाली मेंहदी में से अच्छी गुणवत्ता वाली मेंहदी को पहचानना काफी मुश्किल होता है। इसलिए आप कोशिश करें कि प्राकृतिक रूप से बनी हर्बल मेंहदी का ही इस्तेमाल करें। हर्बल मेंहदी न सिर्फ हाथों को सुंदर बनाती है, बल्कि इससे त्वचा को ठंडक भी मिलती है।
मेंहदी की खुशबू से पहचानें असली और नकली का फर्क
मेंहदी की पत्तियों से मेंहदी पाउडर तैयार किया जाता है इसलिए पाउडर में प्राकृतिक खुशबू होती है, जो मेंहदी पैकेट में बंद होकर बाजारों में मिलती है। अगर वो असली है तो उसमें मेंहदी पाउडर के अलावा दो से तीन चीजें मिलाई जाती हैं। जैसे एसेंशियल ऑयल, लैवेंडर या नीलगिरी ऑयल, इसके अलावा मेंहदी पाउडर में पानी, तेल और चीनी भी मिलाई जाती है। अगर इन सामग्री की महक आपको आ रही है तो समझ जाएं कि मेंहदी असली है।
खतरनाक केमिकल से बनी मेहंदी से कैंसर होने का खतरा
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अलीज़ा ज़ैदी ने बताया कि बाजार में लगाई जाने वाली मेंहदी में पीपीडी और डायमीन नामक केमिकल मौजूद होते हैं, जो त्वचा संक्रमण का कारण बनते हैं। सोडियम पिक्रामेट समेत ये केमिकल मेंहदी के कलर को डार्क करने के लिए मिलाए जाते हैं। इस खतरनाक केमिकल के कारण स्किन पर जलन, खुजली और सूजन हो सकती है। वहीं जब यह खतरनाक केमिकल से तैयार मेंहदी सूर्य की किरणों के संपर्क में आती हैं तो इससे कैंसर होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसमें पीपीडी ही नहीं बल्कि अमोनिया, आक्सीडेटिन, हाइड्रोजन जैसे कई और खतरनाक केमिकल मिले रहते हैं, जो त्वचा के लिए बेहद घातक माने जाते है। मेंहदी में होने वाले पीएच एसिड सबसे ज्यादा नुकसानदेह होता है।