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Kasganj News: बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का मामला हुआ उजागर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के चयन में हुई धांधली
Kasganj News: कुछ दिन पूर्व से इनके चयन की प्रक्रिया पुनः शुरू की गई तो इस कार्य में इस विभाग में जमे बाबू और दलालों की मिली भगत के चलते पात्र और अपात्र का मानक छिपाते हुए चयन किये जा रहे हैं।
बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के चयन में हुई धांधली (Photo- Social Media)
Kasganj News: उत्तर प्रदेश सरकार के बहुउद्देश्यीय कार्य योजना में सम्मिलित एवं भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में बच्चों के बढ़ते कुपोषण, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं टीकाकरण जैसी महत्वपूर्ण कार्ययोजना को पूर्ण कराने के साथ साथ तीन साल से पांच साल के बच्चों को प्री प्राइमरी शिक्षा देने के लिए 1 हजार की आबादी पर एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री व एक सहायिका के पद का सृजन कर इस कार्य को प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू कर दिया है। लगभग 17 से 18 वर्ष हो चुके हैं इन आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन से कुपोषण और टीकाकरण की स्थिति मे भी सुधार हुआ है।
पात्र और अपात्र का मानक छिपाकर किया जा रहा चयन
इसी के चलते विभिन्न जनपदों मैं रिक्त पदो पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री के चयन के लिए बाल विकास विभाग द्वारा ऑन लाइन आवेदन मांगे गए थे। लंबे समय से इन रिक्तियों पर चयन किसी न किसी कारण के चलते ठंडे बस्ते में पड़ा रहा । अभी कुछ दिन पूर्व से इनके चयन की प्रक्रिया पुनः शुरू की गई तो इस कार्य में इस विभाग में जमे बाबू और दलालों की मिली भगत के चलते पात्र और अपात्र का मानक छिपाते हुए चयन किये जा रहे हैं।
इसी समस्या से जूझ रही ग्राम इखोना की आवेदिका ममता द्वारा चयन में व्याप्त भ्र्ष्टाचार को लेकर जिले की डीपीओ को शिकायती पत्र दिया है जिसमें उनके द्वारा आरोप लगाया गया है कि उनसे कम मानक पूर्ण करने वाली उम्मीदवार का चयन हुआ है।
मामले की जॉच कर न्याय दिलाने की मांग
उनके पति सुभाष ने मीडिया को बयान दिया है कि उनकी पत्नी का आवेदन सामान्य सीट पर किया था जिसे विभाग के बाबू ने अनुसूचित जाति की सीट पर कर दिया और निरस्त कर दिया है। उनसे डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी गई थी जिसे न दे पाने के कारण फार्म को गलत तरीके से निरस्त किया गया है। मामले की जॉच कर न्याय दिलाने की मांग की है।