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Kasganj News: मोक्षदायिनी एकादशी पर सोरोंजी में उमड़े श्रद्धालु, पंचकोशी परिक्रमा में भक्तों ने तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा

Kasganj News: मार्गशीर्ष मेला के आयोजन कर्ताओं की मानें तो जब से मोक्षदायिनी एकादशी का मुहूर्त आरंभ हुआ है हजारों की संख्या मे नर और नारी भक्तगण पँचकोशीय परिक्रमा लगातार लगाने मैं जुट गए।

Ajay Chauhan
Published on: 11 Dec 2024 6:13 PM IST
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Kasganj News: हिंदू पंचांग के अनुसार, मोक्षदा एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर हुआ, जो 12 दिसंबर की रात 1 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को मनाई गई। इस महापर्व को लेकर कासगंज जनपद में स्थिति पौराणिक और आध्यात्म का केंद्र रहे सोरोंजी में भगवान वराह की पँचकोशीय परिक्रमा में पापनाशिनी श्री हरिपदी गंगा के घाट के साथ भक्तगण जोरदार जयकारों के साथ परिक्रमा लगाई।

मार्गशीर्ष मेला के आयोजन कर्ताओं की मानें तो जब से मोक्षदायिनी एकादशी का मुहूर्त आरंभ हुआ है हजारों की संख्या मे नर और नारी भक्तगण पँचकोशीय परिक्रमा लगातार लगाने मैं जुट गए, पूरे मेला क्षेत्र मे राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात , उत्तराखंड ,दिल्ली और हरियाणा से बड़ी संख्या मे लोग यहाँ आये हैं, संत और आचार्य आशुतोषानंद जी महाराज के अनुसार अगर सांसारिक जीवन मे जाने अनजाने कुछ पाओ कर्म हो जाते हैं तो उनको तीर्थस्थल पर स्नान दान कर कम किया जा सकता है।

परंतु यदि तीर्थस्थल पर पाप कर्म किये जाए तो वो वज्र के समान कठोर हो जाते हैं और उनके निवारण का केवल एक ही मार्ग है जो है भगवान वराह की पँचकोशीय परिक्रमा, इस मानव शरीर का पांच कोश मैं विभाजन है इसलिए संसार मे भगवान वराह की जन्मस्थली सोरोंजी को पुराणों मैं सबसे उत्तम तीर्थ बताया गया है। यहां मौजूद माँ हरिपदी गंगा के जल मैं हरवर्ष भक्तगण अपने पितरों का तर्पण करने आते हैं , पित्र दोष से मुक्ति मिलती है, इसबार की व्यवस्था से प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिले की डी एम मेघारूपम एवं एस पी अपर्णा रजत कौशिक को आशीर्वाद दिया है।



Shalini singh

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