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Kasganj News: कासगंज स्थित पवित्र तीर्थ स्थल सोरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब

Kasganj News: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान वराह को सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है। उन्होंने पृथ्वी को बचाने के लिए राक्षस हिरण्याक्ष का वध किया था। हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र की तलहटी में छिपा दिया था।

Ajay Chauhan
Published on: 15 Dec 2024 11:48 AM IST
Kasganj News: कासगंज स्थित पवित्र तीर्थ स्थल सोरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब
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कासगंज स्थिति पवित्र तीर्थ स्थल सोरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जन सैलाब (newstrack)

Kasganj News: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान वराह को सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना जाता है। उन्होंने पृथ्वी को बचाने के लिए राक्षस हिरण्याक्ष का वध किया था। हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र की तलहटी में छिपा दिया था। भगवान वराह अपने दांतों से पृथ्वी को वापस सतह पर लाए और वह स्थान सूकरक्षेत्र सोरोंजी में स्थित मां हरिपौड़ी गंगा का घाट माना जाता है। भगवान विष्णु ने सृष्टि को चलाने के लिए फिर से मनुष्य का रूप धारण किया, जिसमें उनके सिर पर सुअर का सिर दर्शाया गया है।

उनकी पत्नी का नाम भूमि या पृथ्वी देवी है। उनका जन्म भगवान ब्रह्मा की नाक से हुआ था। ऐसा माना जाता है कि वराह की पूजा करने से सभी भक्तों को स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और धन समेत सभी तरह के सुख मिलते हैं। यही वह भूमि है जहां से सृष्टि की शुरुआत हुई थी। भगवान वराह ने सौरजी घाट से पृथ्वी को मुक्त किया था और यहीं से सृष्टि की रचना शुरू की थी। आज साल की आखिरी पूर्णिमा जिसे माघमास पूर्णिमा कहते हैं, पर देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मां हरिपदी गंगाजी के जल में डुबकी लगाई है।

स्नान के बाद यहां मौजूद पुरोहितों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया है। यह इस बात का जीता जागता प्रमाण है कि दुनिया में यही एक ऐसी जगह है जहां तीन दिन में अस्थियां जल में विलीन हो जाती हैं। आज सुबह से ही स्नान और तर्पण का कार्य पूरी आस्था और विश्वास के साथ किया जा रहा है।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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