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Kasganj: पुत्र बन किसानों ने किया बैलों की अस्थियों का विसर्जन, कल होगा तेरहवी भोज

Kasganj: जनपद में भगवान बराह की नगरी सोरो सुकर क्षेत्र में आज मध्यप्रदेश से पहुंचे दो किसानों ने पुत्र बनकर अपने मृतक बैलों के पिंडदान कर उनकी अस्थियों का विसर्जन हरि की पौड़ी गंगा में किया।

Ajay Chauhan
Published on: 25 Dec 2023 7:26 AM GMT
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कासगंज में पुत्र बन किसानों ने किया बैलों की अस्थियों का विसर्जन (न्यूजट्रैक)

Kasganj News: जनपद में भगवान बराह की नगरी सोरो सुकर क्षेत्र में आज मध्यप्रदेश से पहुंचे दो किसानों ने पुत्र बनकर अपने मृतक बैलों के पिंडदान कर उनकी अस्थियों का विसर्जन हरि की पौड़ी गंगा में किया। बैलों की अस्थियों का विसर्जन दोनों किसानों ने परिवार के साथ पंडित की मदद से कर्मकाण्ड के विधि विधान के साथ किया। वहीं दोनों भाइयों के मुताबिक 26 दिसंबर को गांव में दोनों बैलों की तेरहवी का भोज भी किया जायेगा। जिसमें 3 हजार लोग शामिल होंगे।

बता दें आज तक गंगा घाटों पर लोगों की मरने के बाद अस्थियां विसर्जन करना तो देखा होगा। लेकिन इस बार कासगंज के सोरो सुकर क्षेत्र से एक नई तस्वीर सामने आई है, जहां मध्यप्रदेश के जिला मंदसौर के गांव बाग़ खेड़ा के रहने वाले दो किसान भवानी सिंह और उल्फत सिंह ने दो बैलों के मरने के बाद पहले उनका गांव में मनुष्य की तरह दाह संस्कार किया। फिर आज सोरो में हरि की पौड़ी गंगा घाट पर परिवार के साथ आकर पूजा पाठ कर रीति रिवाज के साथ बैलों की अस्थियों का विसर्जन किया। बैलों की अस्थियों का विसर्जन देख सब लोग हैरान हो गये और लोगों मे बैल का पिंडदान चर्चा का विषय बन गया।

बैलों को पिता मानते थे किसान

वही अस्थियों को विसर्जन करने आये किसान भवानी सिंह ने बताया कि उन्होंने 30 साल पहले दो बैलो को पाला था, जिनका नाम उन्होंने माना ओर श्यामा रखा था और इन बैलों से वह अपनी खेती करते थे। ये दोनों बैल उनके परिवार का भरण पोषण करते थे। इसलिए दोनों बैलों को भवानी सिंह अपने पिता मानते थे और बैलों की बीते 16 दिसंबर को मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद उनका गांव मे मनुष्य की तरह अंतिम संस्कार किया गया और बैलों की अस्थियां भगवान बराह की नगरी लाये। जहां पूजा पाठ से हरि की पौड़ी हरिपदी गंगा में बैलों की अस्थियां को विसर्जन किया गया।

26 दिसंबर को गांव में बैलों की तेरहवी भोज किया जायेगा जिसमे 3 हजार लोग शामिल होंगे। वहीं बैलों की अस्थिया विसर्जन कराने वाले सोरो के पंडित उमेश पाठक ने बताया कि सनातन में सभी जीवों को एक समान माना गया है सभी परमात्मा के अंश हैं। किसान बैलों को अपने पुत्र और पिता की तरह मानते हैं। 30 वर्ष तक बैलों ने किसान भवानी सिंह पँवार के घर पर उनके परिवार का पालन पोषण किया था और किसानों ने बैलों के मरने के बाद गांव में उनका मनुष्यों की तरह से अंतिम संस्कार किया और पुत्र की तरह बैलों की अस्थियों का विसर्जन किया।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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