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Kasganj News: कासगंज में पितृपक्ष श्राद्ध, पहले दिन श्रद्धालुओं ने पितरों को किया जल तर्पण
Kasganj News: भगवतगीता के अध्याय 9 श्लोक 25 के अनुसार पितर पूजने वाले पितरों को, देव पूजने वाले देवताओं को और परमात्मा को पूजने वाले परमात्मा को प्राप्त होते हैं। मनुष्य को उसी की पूजा करने के लिए कहा है सिद्धि को पाना ही श्रेष्ठ है।
Kasganj News: सनातन धर्म मे पिंडदान के उपरांत पितृ पक्ष मे अपने पूर्वजों के प्रति पूरी श्रद्धा और सात्विक रूप से उनके लिए जप और तर्पण का विशेष महत्व पितृपक्ष या पितरपख, 16 दिन की वह अवधि (पक्ष/पख) है, जिसमें हिन्दू लोग अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिये पिण्डदान करते हैं। इसे 'सोलह श्राद्ध', 'महालय पक्ष', आदि नामों से भी जाना जाता है।
भगवतगीता के अध्याय 9 श्लोक 25 के अनुसार पितर पूजने वाले पितरों को, देव पूजने वाले देवताओं को और परमात्मा को पूजने वाले परमात्मा को प्राप्त होते हैं। मनुष्य को उसी की पूजा करने के लिए कहा है सिद्धि को पाना ही श्रेष्ठ है। अतः अन्य पूजाएं (देवी-देवता और पितरों की) छोड़ कर सिर्फ असीम सत्ता की पूजा करें ,कासगंज तीर्थ नगरी सोरोंजी घाट पर 2024 के पितृ पक्ष श्राद्ध का आज शुभारंभ हो गया है, पितृ पक्ष श्राद्ध का पहला दिन अत्यंत धार्मिक और श्रद्धामय माहौल में संपन्न हुआ। सैकड़ों की संख्या में कई प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना लेकर विधिविधान से जल तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की है, भगवान वराह की जन्मभूमि सोरों जी मैं माँ हरिपदी गंगा मैं तर्पण करने के लिए सुबह से ही मंदिर के प्रांगण और घाट पर भक्तों की भीड़ जुटने लगी, तीर्थ नगरी सोरों को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से इस कार्य के लिए विशेष माना जाता है।
जहाँ तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालुओं ने हरी की पौड़ी के तट पर तर्पण की रस्में अदा कीं। पुरोहितों ने मंत्रोच्चार कर पहले श्रद्धालुओं को माँ हरिपदी गंगा करले पवित्र जल में स्नान कराने के उपरांत विधिवत पूजा संपन्न कराई है, सोरों जी में आने वाले श्रद्धालुओं में राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से बड़ी संख्या मे लोग आते हैं।