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IPS Satyajeet Gupta: जांबाज आईपीएस जिसकी कहानी जानकर दांतों तले उंगली दबा लेंगे आप, ये है सत्यजीत गुप्ता की कहानी
Kaun Hai IPS Satyajeet Gupta: अरुण मिश्रा की केस डायरी खुद आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपने हाथ से लिखी थी। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था जब खुद ईडी के अधिकारी भी इंजीनियर मिश्रा की तलाश कर रहे थे।
Kaun Hai IPS Satyajeet Gupta: आईपीएस सत्यजीत गुप्ता कानपुर में अपने अल्प कार्यकाल में यूपीएसआईडीसी के चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को भ्रष्टाचार के मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेजने वाले आईपीएस सत्यजीत गुप्ता की कहानी कुछ अलग ही है। अरुण मिश्रा अभी तक जेल में हैं। अरुण मिश्रा की अब तक जमानत नहीं हो पाई है। अरुण मिश्रा की केस डायरी खुद आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपने हाथ से लिखी थी। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था जब खुद ईडी के अधिकारी भी इंजीनियर मिश्रा की तलाश कर रहे थे।
आईपीएस सत्यजीत गुप्ता पुलिस उपायुक्त पश्चिमी सत्यजीत गुप्ता 2017 बैच के आईपीएस अफसर हैं। अकेडमी से ट्रैनिंग लेने के बाद सत्यजीत गुप्ता की पहली तैनाती बिजनौर जनपद में हुई।
कोतवाली नगीना के इंचार्ज बनकर ड्यूटी पर आए। बिजनौर की होली शांति और सौहार्द्र के साथ सम्पन्न करवाई। बिजनौर के 6 महीने के कार्यकाल में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अलग पहचान बनाई।
इसके बाद सत्यजीत गुप्ता की तैनाती रामपुर जनपद में की गई। 1 साल के अपने कार्यकाल में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने खनन माफिया पर शिकंजा कसा। खनन माफिया की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कराई।
आईपीएस सत्यजीत गुप्ता कानपुर में तैनात किए गए। साढ़े 3 महीने के अपने कार्यकाल में आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने यूपीएसआईडीसी के उस चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को भ्रष्टाचार के मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेजा।
जिसे खुद ईडी के अधिकारी भी उस वक्त तलाश कर रहे थे। अरुण मिश्रा अभी तक जेल में हैं। अरुण मिश्रा की अब तक जमानत नहीं हो पाई है। अरुण मिश्रा की केस डायरी खुद आईपीएस सत्यजीत गुप्ता ने अपने हाथ से लिखी थी।
आगरा में भी आई पी एस सत्यजीत गुप्ता के गुडवर्क की लम्बी फेहरिस्त है। हाल में ही आरपीएफ के दरोगा और 2 कांस्टेबलों को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। कुछ ही घंटों में अगवा हुई सभी बहनों को भी पुलिस ने बरामद कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त पश्चिमी सत्यजीत गुप्ता के कार्यकाल में खनन के खिलाफ अब तक करीब 120 मुकदमें दर्ज किये जा चुके है। पुलिस इन मुकदमों से संबंधित करीब 50 लोगों को जेल भेज चुकी है। खनन माफिया को करोड़ों का नुकसान हुआ है। खनन माफिया के 100 से ज्यादा वाहन जब्त और सीज किए गए है।
आईपीएस सत्यजीत गुप्ता की खास बात यह भी है कि उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान नजर आती हैं। अपने काम में व्यस्त रहना आईपीएस सत्यजीत को खूब भाता है। आईपीएस गुप्ता जनता को सुलभता से सुनते हैं। समस्या का निराकरण करते हैं। ये एडिशनल एसपी से प्रमोट होकर एसपी (पुलिस अधीक्षक) बनाए गए हैं।
पुलिस उपायुक्त आगरा पश्चिमी सत्यजीत गुप्ता प्रमोशन होने पर बेहद खुश नजर आए । उन्होंने कहा कि अपराधियों को उनके सही अंजाम तक पहुचाने के प्रयास लगातार जारी रहेंगे ।